जर्मनी में होने वाली 67वीं लिंडाऊ नोबेल पुरस्कार विजेता बैठक में भारत के 34 युवा वैज्ञानिक हिस्सा लेंगे। बुधवार को यह जानकारी देते हुए बताया गया कि बैठक 25 से 30 जून तक चलेगी।
76 देशों के 400 युवा वैज्ञानिकों को इस बैठक में नोबेल पुरस्कार विजेताओं से मुलाकात करने का मौका मिलेगा। 'काउंसिल फार द लिंडाऊ नोबेल लॉरिएट मीटिंग्स' के संचार विभाग की तरफ से जारी एक बयान में बताया गया है, '34 युवा वैज्ञानिकों में से 22 भारतीय विश्वविद्यालयों और संस्थानों से हैं जबकि अन्य 12 विदेश में (ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी, आयरलैंड, इजरायल, युनाइटेड किंग्डम और अमेरिका) में काम कर रहे हैं।'
बयान में कहा गया है कि हर साल 'काउंसिल फार द लिंडाऊ नोबेल लॉरिएट मीटिंग्स' के एक या दो सदस्य इन वैज्ञानिकों का चुनाव करने के लिए भारत की यात्रा पर आते हैं। वैज्ञानिकों की चयन प्रक्रिया में मदद करने के लिए यह सदस्य भारत के अलावा केवल चीन की यात्रा पर जाते हैं।
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दक्षिण एशियाई देश पाकिस्तान के पांच और बांग्लादेश के एक युवा वैज्ञानिक को बैठक में भाग लेने के लिए चुना गया है। यह बैठक 1951 से लगातार हर साल हो रही है और इसका मकसद विचारों का आदान-प्रदान, एक-दूसरे से जुड़ना और प्रेरणा हासिल करना है।
साल 2107 की बैठक रसायन शास्त्र को समर्पित है। अभी तक 31 नोबेल पुरस्कार विजेता इसमें शामिल होने पर अपनी रजामंदी जता चुके हैं। साल 2016 में मॉलीक्यूलर मशीनों की डिजाइन के लिए केमेस्ट्री का नोबेल जीतने वाले बर्नार्ड फेरिंगा, जीन पियरे सॉवेज और सर फ्रेजर स्टोडार्ट ने भी अपनी भागीदारी पर रजामंदी दे दी है।
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इस साल की बैठक में मॉलीक्यूलर मशीनों के अलावा, बिग डेटा, जलवायु परिवर्तन और 'पोस्ट ट्रुथ' युग में विज्ञान की भूमिका पर चर्चा होगी।
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Source : IANS