राजधानी स्पेशल ट्रेनों ने पिछले पांच दिनों में करीब साढ़े तीन लाख यात्रियों को उनके गंतव्य स्थानों तक पहुंचाया और भारतीय रेलवे के लिए 69 करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व प्राप्त किया. रेलवे द्वारा लॉकडाउन के चलते फंसे हुए लोगों को दिल्ली से देश के अन्य बड़े शहरों तक पहुंचाने के लिए 12 मई को राजधानी स्पेशल ट्रेन सेवा शुरू की गई थी और इन रेलगाड़ियों में मध्यम वर्ग की तरफ से सबसे ज्यादा सीट बुक की गई जिस कारण ज्यादातर ट्रेनों में एक भी सीट नहीं बची थी.
यह भी पढ़ें- लॉकडाउन के कारण 60 फीसदी सेक्स वर्कर्स ने छोड़ी दिल्ली
अधिकारियों ने बताया कि 16 मई को कुल 27,788 लोगों ने इन रेलगाड़ियों में सफर किया और रविवार को यह संख्या 30,127 पर पहुंच सकती है. ये ट्रेनें राजधानी के मार्गों पर चलती हैं और इनमें प्रीमियम किराया लिया जाता है. रेलवे ने कहा, “अब तक करीब 1,87,827 टिकट बुक की गई हैं और कुल 3,38,634 यात्रियों ने इन विशेष रेलगाड़ियों में सफर किया है.
यह भी पढ़ें- कोविड-19 महामारी : मध्य प्रदेश में 6,500 कैदियों को किया गया रिहा
अब तक 69,33,67,735 रुपये का कुल किराया वसूला गया है. 21 ट्रेनों का 27 मई को परिचालन किया जाएगा.” इन ट्रेनों का परिचालन रेलवे की तरफ से पहला संकेत है कि 17 मई को राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की अवधि समाप्त होने के बाद यात्री सेवा को श्रेणीबद्ध तरीके से शुरू किया जा सकता है. हालांकि अधिकारियों ने यह भी संकेत दिया है कि कम से कम 30 जून तक नियमित सेवा फिर से नहीं शुरू की जाएगी.
यह भी पढ़ें- मध्य प्रदेश में कोल्ड ड्रिंक पीने से एक युवक की मौत, बेटी की हालत गंभीर
शुरुआत में इन रेलगाड़ियों में कोई प्रतीक्षा सूची नहीं थी लेकिन भारी मांग के चलते बाद में वेटिंग टिकट की भी घोषणा की गई. भारतीय रेलवे ने एक बयान में बताया कि इन विशेष रेलगाड़ियों में प्रतीक्षा सूची एसी थ्री टियर के लिए 100, द्वितीय श्रेणी वातानुकूलित के लिए 50, शयनयान श्रेणी के लिए 200 जबकि प्रथम श्रेणी वातानुकूलित एवं एग्जिक्यूटिव श्रेणी के लिए 20 से अधिक नहीं होगी. विशेष ट्रेनों में आरएसी की व्यवस्था नहीं होगी.
Source : Bhasha