किसानों द्वारा दिल्ली जयपुर नेशनल हाईवे 48 को जाम किए जाने के विरोध में रविवार को हरियाणा और राजस्थान के 35 गांवों के ग्रामीणों ने महापंचायत की. शाहजहांपुर बॉर्डर के समीप स्थित पेट्रोल पंप पर 35 गांव के पंच पटेलों की और व्यापारियों की महापंचायत हो रही है जिसमे किसान आंदोलनकारी से हाईवे को खाली करने की मांग की जा रही है. स्थानीय लोगों ने कहा कि किसानों के आंदोलन की वजह से उनके रोजगार और काम धंधे चौपट हो गए हैं, इसके अलावा रूट डायवर्ट होने से गांव में वाहनों का आवागमन बढ़ गया है, जिससे आए दिन दुर्घटनाएं हो रही है.
महापंचायत में कहा गया है कि किसानों के नेशनल हाईवे जाम करने की वजह से लोगों का जीना मुहाल हो गया है. लोगों का कहना था कि अगर आंदोलनकारी हाईवे को खाली नहीं करेंगे तो उन्हें मजबूरी में जबरन हाईवे खाली करना पड़ेगा। इसे देखते हुए मौके पर बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात कर दी गई है. हरियाणा और राजस्थान पुलिस ग्रामीणों और किसानों के टकराव न हो इसके लिए समझाइश करने में जुटी हुई है और दोनों पक्षों से शांति वार्ता कर समस्या का हल निकालने की बात कही जा रही है.
आंदोलनकारी किसान नेता और पूर्व विधायक अमराराम सहित सय्यक्त किसान मोर्चा के पदाधिकारियों को महापंचायत स्थल पर बुलाया गया है, जहां दोनों पक्षो के बीच वार्ता का दौर चल रहा है। दोनों पक्ष बीच का रास्ता अपनाने पर विचार कर रहे हैं. महापंचायत को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि किसान आंदोलन की वजह से उनके गांव में होकर दिन-रात वाहनों का आना जाना रहता है. इसकी वजह से कई मकानों को वाहनों ने तोड़कर छतिग्रस्त कर दिया है और लगातार हादसे बढ़ रहे हैं. इसके अलावा हाईवे पर आवागमन चालू होने के बाद लोगों के व्यवसायिक गतिविधियां नहीं चल पा रही हैं, जिससे उन्हें रोजगार नहीं मिल रहा है. हाईवे पर सभी पेट्रोल पंप बंद पड़े हैं. गांव में बीमार होने पर भी लोग को घूमकर अस्पताल जाना पड़ रहा है. वहीं किसान आंदोलन की वजह से आसपास के क्षेत्र की फसलें भी आंदोलनकारियों की वजह से खराब हो रही हैं और नालों का पानी फसलों में जा रहा है.
Source : News Nation Bureau