कोरोना महामारी की दूसरी लहर अब अमूनन धीमी पड़ चुकी है. देश के पूर्वोत्तर राज्यों में जरूर कुछ मामलें बढ़ रहे हैं, लेकिन अन्य राज्यों में रफ़्तार अब कमजोर पड़ चुकी है. वैसे बता दें कि जानकार अब इसके बार तीसरी लहर को लेकर भी चेता रहे हैं. जानकारों और स्वास्थ्य विषेशज्ञों का कहना है कि अगर हम कोरोना एप्रोप्रियेट बेहेवियर नहीं अपनाते हैं तो तीसरे लहर का सामना करना पड़ सकता है. थोड़ी सी भी असावधानी हमें मंहगा पेड़ सकता है. इन सभी के बीच कोरोना से मरने वालों के आंकड़े को लेकर भी चर्चा जोरों पर है. देश में कोरोना से होने वाली मौत के गलत आंकड़े जारी करने के किए जा रहे मीडिया दावों पर सरकार ने सफाई दी है. केंद्र सरकार ने कहा है कि ऐसा संभव नहीं है.
केंद्र सरकार की ओर से उन मीडिया रिपोर्टों का खंडन किया गया जिसमें कथित तौर पर कोरोना से होने वाली मौतों को कम बताने की बात कही गई थी. इसी बीच चल रहे मानसून सेशन में विदेश मंत्रालय ने राज्यसभा को एक लिखित जवाब में देश के बाहर रह रहे भारतीय नागरिकों की कोरोना से हुए मौत का आंकड़ा पेश किया है. विदेश मंत्रालय ने राज्यसभा को लिखित जवाब में कहा है कि देश से बहार रह रहे टोटल 3570 भारतीय नागरिकों की मृत्यु कोरोना से हुई है.
इसके उलट अगर देश में कोरोना से हुए मौत के आंकड़ों पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि हाल ही में कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में आरोप लगाया गया है कि कोरोना महामारी के दौरान भारत में मरने वालों की संख्या लाखों में हो सकती है. लेकिन आधिकारिक COVID-19 की मौत को काफी कम बताया गया है. इन समाचार रिपोर्टों में हाल के कुछ अध्ययनों के निष्कर्षों का हवाला देते हुए, अमेरिका और यूरोपीय देशों की आयु-विशिष्ट संक्रमण मृत्यु दर का उपयोग भारत में सीरो-पॉज़िटिविटी के आधार पर अधिक मौतों की गणना के लिए किया गया है.
केंद्रीय मंत्री पुरी ने कहा था कि बिना जानकारी के टिप्पणी करना बुरा है लेकिन जब जानबूझकर एक झूठी कहानी तैयार करने की कोशिश की जाती है तो यह और भी गंभीर मसला हो जाता है. किसी भी भारतीय नागरिक की मृत्यु खेद का विषय है, फिर चाहे उसकी मौत कोविड से हुई हो या किसी और कारण से.
HIGHLIGHTS
- विदेश मंत्रालय ने राज्यसभा को दिया लिखित जवाब
- विदेशों में रह रहे भारतीय नागरिकों की मौत
- मीडिया दावों पर सरकार ने सफाई दी