भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) के 382 जेंटलमैन कैडेट्स ने जब ‘कदम-कदम बढ़ाये जा’ और ‘जन गण मन अधिनायक’ गाया तो तालियों की गड़गड़ाहट से पूरा स्टेडियम गूंज उठा. ये वे गौरवशाली क्षण थे जिसके बाद ये कैडेट भारतीय सेना में अधिकारियों के रूप में उसका हिस्सा बन गये. तालियों की गूंज के बाद आइएमए स्टेडियम में इन कैडेटों ने अपने माता-पिता के साथ गले मिलकर उत्साह और खुशी के साथ भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बनने का जश्न मनाया. प्रशिक्षण में सर्वश्रेष्ठ ओवर आल परफारमेंस के लिये अक्षत राज को ‘सोर्ड ऑफ आनर’ से नवाजा गया, जबकि सुरेंद्र सिंह बिष्ट को ‘इन आर्डर ऑफ मेरिट’ में गोल्ड मेडल मिला.
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इससे पहले, अकादमी के ड्रिल स्क्वायर में इन कैडटों ने बहुत ही खूबसूरत अंदाज में पासिंग आउट परेड दिखाते हुए आज के रिव्यूइंग आफिसर सेना के लेफ्टिनेंट जनरल और दक्षिण पश्चिम कमान के जीओसी इन सी चेरिश मैथसन को सलामी दी. इन कैडेटों के अलावा, अफगानिस्तान, मॉरिशस, मालदीव और फिजी जैसे भारत के नौ मित्र देशों के 77 कैडेटों ने भी अपना प्रशिक्षण पूरा कर अकादमी से पास आउट हुए.
जैसे ही पासिंग आउट परेड समाप्त हुई, सेना के तीन हेलीकॉप्टरों ने अपने नये अधिकारियों पर पुष्प वर्षा कर उनका स्वागत किया. पूरा ड्रिल स्कावायर गुलाब की पंखुडियों से नहा गया. उसके बाद ये कैडेट प्रतिष्ठित चेटवुड बिल्डिंग में दाखिल हुए और 'अंतिम पग' पार कर भारतीय सेना में शामिल हो गये.
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इस मौके पर सेना में शामिल नये अधिकारियों को संबोधित करते हुए लेफ्टिनेंट जनरल मैथसन ने उन्हें हर परिस्थिति में अनुशासन बनाये रखने का सुझाव दिया और कहा कि कोई भी लडाई बिना अनुशासन के नहीं जीती जा सकती. लेफ्टिनेंट जनरल मैथसन ने अपने उन गौरवशाली क्षणों को भी याद किया, जब वे आज से ठीक 39 साल पहले इन कैडेटस की तरह ड्रिल स्कवायर पर खडे़ थे.
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