तीन तलाक को लेकर जारी राजनीति के बीच ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने विधवा महिलाओं को लेकर कहा है कि 4.3 करोड़ विधवा महिलाओं को लेकर क्या खयाल है।
अपने ट्वीटर के जरिए ओवैसी ने कहा कि सभी पत्रकार, टीवी एंकर तलाक के मुद्दे में घुसे हुए हैं। आखिर देश की 4.3 करोड़ विधवा महिलाओं को लेकर उनके क्या खयाल हैं? क्या वो उन्हें आर्थिक मदद करेंगे ताकि वो दोबारा शादी कर सकें।
2011 की जनगणना के आंकड़ों का हावाला देते हुए उन्होंने कहा कि देश में इस समय 4.3 करोड़ विधवा महिलाएं हैं जिनमें सबसे ज्यादा हिंदू महिलाएं हैं। 20 लाख हिंदू महिलाएं अकेली हैं या पति से अलग हैं। क्या इसपर नौ बजे की प्राइम टाइम में बहस होगी?
ओवैसी ने मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की एक रिपोर्ट को लेकर दावा किया और कहा कि मुसलमानों के बीच तलाक की दर दूसरे समुदायों के मुकाबले कम है।
केंद्र सरकार ने समानता और धर्मनिरपेक्षता के आधार पर तीन तलाक का विरोध किया है, जबकि मुस्लिम पसर्नल लॉ बोर्ड तीन तलाक की सही ठहराता है। उनका कहना है कि तीन तलाक कुरान और शरियत के हिसाब से सही है।