कर्नाटक के नाटक पर पर्दा गिर चुका है. 14 महीने में कुमारस्वामी की सरकार गिर गई. अब ये कर्नाटक का 'अभिशाप' कहे या फिर कुछ और इतिहास गवाह है कि चुनाव के बाद बनी कोई भी गठबंधन की सरकार नहीं चल पाई है. दो साल के भीतर गठबंधन की सरकार गिर गई. ऐसा अबतक चार बार हो चुका है. जब गठबंधन की सरकार सत्ता में आई और कुछ महीने बाद चलती बनीं.
साल 1983 में बनी थी पहली गठबंधन की सरकार
सबसे पहले 1983 में गठबंधन की सरकार बनी. इस सरकार में बीजेपी, लेफ्ट, जनता पार्टी और कुछ क्षेत्रीय दल शामिल थे. लेकिन यह सरकार दो साल से पहले ही गिर गई. 10 जनवरी 1983 से 29 दिसंबर 1984 तक यह सरकार चली. यानी 1 साल 354 दिन ही गठबंधन की सरकार चल पाई.
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2004 में कांग्रेस और जेडीएस ने मिलकर बनाई थी सरकार
दूसरी बार गठबंधन की सरकार साल 2004 में बनी. इस सरकार की कमान कांग्रेस और जेडीएस के पास थी. 28 मई 2004 – 2 फरवरी 2006 तक यानी 1 साल 250 दिन यह सरकार चली.
2004 में फिर बनी गठबंधन की सरकार
इसके बाद 3 फरवरी 2006 को बीजेपी ने जेडीएस के साथ मिलकर सरकार बनाई. यह सरकार 8 अक्टूबर 2007 तक चली. 1 साल 253 दिन ही बीजेपी इस सरकार को चला पाई.
इसके बाद बीजेपी अकेली सरकार बनाई. जिसके सीएम येदियुरप्पा बने. लेकिन यह सरकार महज सात दिन में गिर गई. बीजेपी सरकार 12 नवंबर 2007 से 19 नवंबर 2007 तक चली.
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साल 2018 में बनी गठबंधन की सरकार भी नहीं चली
इसके बाद मई 2018 में कांग्रेस की मदद से जेडीएस के एचडी कुमारस्वामी ने सरकार बनाई. लेकिन यह भी सरकार गिर गई. 23 जुलाई 2019 को यह सरकार महज 14 महीने में गिर गई.