जम्मू के सांबा की मानसर लेक में जहां मछलियों को देवताओं के रूप में पूजा जाता है वहां एक साथ सैकड़ो मछलियों के मारे जाने का मामला सामने आया है. मछलियों के मारे जाने से इलाके के लोग स्तब्ध है. पिछले 6 दिनों में मानसर लेक से अब तक वाइल्डलाइफ विभाग करीब 4000 मछलियों को लेक से बाहर निकल चुका है और मछलियों को सम्मानजनक तरीके से लोगों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए लेक के करीबी दफनाया जा रहा है. अगर जम्मू की मानसर लेक की बात करें तो उसे इलाके के लोग काफी पूजनीय मानते हैं धार्मिक मान्यता के अनुसार इस झील से मछलियों को न तो बाहर निकाला जाता है और न ही उनका शिकार किया जा सकता है.
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मछलियों के मरने की वारदात कोई नई नहीं है
लोगों की मान्यता के मुताबिक मानसर लेक में शेषनाग का वास है जिस कारण यहां के लोग सालों से शेषनाग के साथ-साथ इन मछलियों की भी पूजा करते आ रहे हैं इलाके के लोग मछलियों की पूजा करने के साथ-साथ उन्हें आटा भी खिलते हैं ताकि उनकी सारी मन्नते पूरी हो सके इलाके के लोगों का कहना है की मानसर लेक में मछलियों के मरने की वारदात कोई नई नहीं है, लेकिन इसका सिलसिला तब से शुरू हुआ है जब से लेक में बाहर की मछलियों को डाला गया है. लोगों की मान्यता के मुताबिक पहले इस लेख में शेषनाग के साथ-साथ छोटी मछलियां ही हुआ करती थी. इनका आकार भी बड़ा नहीं हुआ करता था.
मछलियों को निकाल कर उन्हें गड्ढे में दबाया जा रहा है
वही वाइल्डलाइफ डिपार्मेंट और साथ ही फिशरी डिपार्मेंट लगातार मछलियों के मरने के कारणों की तलाश कर रहा है. प्रथम दृष्टि दोनों को लग रहा है की मछलियों की मौत कुछ दिन पहले मानसर में हुई ओलावृष्टि के कारण हुई है. मानसर लेक में मौजूद इन मछलियों ने ओला खाया है. जिसके कारण इनका लिवर फट गया है और उनकी मौत हुई है बावजूद इसके फिशरी विभाग ने इन मछलियों के सैंपल ले रहे हैं. जिन्हें आगे जांच के लिए भेजा जा रहा है, इसके साथ ही साथ वाइल्डलाइफ डिपार्मेंट की टीम्स लगातार लेख के चारों ओर बिखरी पड़ी. इन मछलियों को निकाल कर उन्हें गड्ढे में दबाने के काम में काम में लगा हुआ है.
Source : News Nation Bureau