गुरु तेग बहादुर के 400वें प्रकाश पर्व के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लाल किले की प्राचीर से 21 अप्रैल को देश को संबोधित करेंगे. इस दिन पीएम मोदी दुनियाभर के सिख समुदाय के लोगों को खास संदेश दे सकते हैं. इस मौके पर पीएम मोदी एक स्मारक सिक्का और डाक टिकट भी जारी करेंगे. यह पहला मौका है जब पीएम मोदी धार्मिक कार्यक्रम पर लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित करेंगे. संस्कृति मंत्रालय ने पीएम मोदी के संबोधन की जानकारी दी. पीएम मोदी स्वतंत्रता दिवस से इतर 21 अक्तूबर 2018 को भी लाल किले से देश को संबोधित कर चुके हैं. तब केंद्र सरकार ने आजाद हिंद फौज के 75 वर्ष पूरे होने पर लाल किले पर आयोजन किया था.
इससे पहले 9 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( Prime Minister Narendra Modi) ने सिखों के 10वें गुरु गोबिंद सिंह के प्रकाश पर्व पर उन्हें श्रद्धांजलि दी थी. गुरु गोबिंद सिंह के प्रकाश पर्व पर लोगों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि उनका जीवन और संदेश लाखों लोगों को ताकत देता है. पीएम मोदी ने कहा था कि उन्हें हमेशा इस बात की खुशी रहेगी कि उनकी सरकार को गुरु गोबिंद सिंह का 350वां प्रकाश उत्सव (जयंती) मनाने का अवसर मिला.
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गुरु तेग बहादुर सिखों के 9वें गुरु थे. अमृतसर में जन्मे गुरु तेग बहादुर गुरु हरगोविन्द जी के पांचवें पुत्र थे. 8वें गुरु हरिकृष्ण राय जी के निधन के बाद इन्हें 9वां गुरु बनाया गया था. इन्होंने आनन्दपुर साहिब का निर्माण कराया और ये वहीं रहने लगे थे. गुरु तेग बहादुर बचपन से ही बहादुर, निर्भीक स्वभाव के और आध्यात्मिक रुचि वाले थे.
गुरु तेग बहादुर ने महज 14 वर्ष की आयु में अपने पिता के साथ मुगलों के हमले के खिलाफ हुए युद्ध में उन्होंने अपनी वीरता का परिचय दिया. इस वीरता से प्रभावित होकर उनके पिता ने उनका नाम तेग बहादुर यानी तलवार के धनी रख दिया था. उन्होंने मुगल शासक औरंगजेब की तमाम कोशिशों के बावजूद इस्लाम धारण नहीं किया और तमाम जुल्मों का पूरी दृढ़ता से सामना किया. औरंगजेब ने उन्हें इस्लाम कबूल करने को कहा तो गुरु साहब ने कहा शीश कटा सकते हैं केश नहीं.