किसी ने सोचा नहीं था कि मोदी सरकार अपने दूसरे कार्यकाल के करीब ढाई महीने के अंदर ही जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 35A और धारा 370 को हटाने जैसे बड़े और कड़े फैसले ले लेगी. दरअसल मोदी और शाह की जोड़ी 2014 से ही चौंकाने वाले फैसले लेने के लिए अब मशहूर हो चुकी है. चाहे वह नोटबंदी हो या एयर स्ट्राइक या फिर जम्मू-कश्मीर को धारा 370 और 35A से आजाद करने की बात हो. आइए जानें मोदी सरकार के पहले कार्यकाल से लेकर अब तक 5 बड़े और कड़े फैसलों के बारे में...
अनुच्छेद 35A और धारा 370 से मिली कश्मीर को आजादी
भारतीय जनसंघ के संस्थापक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने जो सपना देखा था वो आज पूरा हो गया. जम्मू-कश्मीर में भारतीय संविधान की धारा 370 हटाने के लिए उन्होंने आंदोलन चलाया. उन्होंने एक देश में दो विधान, एक देश में दो निशान, एक देश में दो प्रधान- नहीं चलेंगे नहीं चलेंगे जैसे नारे दिए. जम्मू-कश्मीर सरकार ने राज्य में प्रवेश करने पर मुखर्जी को 11 मई 1953 को हिरासत में ले लिया. इसके कुछ समय बाद 23 जून 1953 को जेल में उनकी रहस्यमयी तरीके से मौत हो गई.
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इसके बाद से जनसंघ जब बीजेपी बन गया तो यह उसके एजेंडे में शामिल हो गया. मोदी से पहले अटल बिहारी बाजपेयी 3 बार प्रधानमंत्री बने पर संख्याबल ऐसा नहीं था कि वो ऐसे कड़े निर्णय ले सकें. अब जब मोदी सरकार दोबारा प्रचंड बहुमत से सत्ता में आई और राज्य सभा में बहुमत न होने के बावजूद अपने फ्लोर मैनेजमेंट की बदौलत कड़े फैसले के रूप में पहले 3 तलाक और Article 370 और 35A से पूरे देश को चौंकाया.
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जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 35A को खत्म कर दिया गया है. वहीं कैबिनेट के प्रस्ताव को राष्ट्रपति ने मंजूरी भी दे दी है. इससे पहले Article 370 और 35A को हटाने का प्रस्ताव गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में पेश किया. गृहमंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में कहा कि अनुच्छेद 370 के सभी खंड लागू नहीं होंगे. खंड 1 को छोड़कर बाकी सारी खंड को हटाने की मांग की. गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू कश्मीर आरक्षण अधिनियम 2004 पर पुनर्विचार किये जाने की मांग की है. उन्होंने धारा 35 ए खत्म करने की सिफारिश की है. अमित शाह ने कहा कि मैं सभी चीजों पर जवाब देने के लिए तैयार हूं.
तत्काल 3 तलाक से मुक्ति
लोकसभा में पास होने के बाद मोदी सरकार तत्काल तीन तलाक बिल (Triple Talaq) पर रोक लगाने वाले विधेयक को राज्यसभा में पेश किया. राज्यसभा में तीन तलाक बिल (Triple Talaq Bill) मत विभाजन में 84 के मुकाबले 99 वोटों से पास हो गया. लोकसभा में पास हो चुके इस बिल को मोदी सरकार पास कराने में कामयाब रही. लोकसभा में बिल के पक्ष में 303 और विरोध में 82 मत पड़े थे. तब कांग्रेस, तृणमूल, सपा और डीएमके समेत अन्य पार्टियों ने बिल का विरोध करते हुए वोटिंग से पहले सदन से वॉकआउट किया था. इस मुद्दे पर पीडीपी भी वॉक आउट कर गई.
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इस बिल में तीन तलाक बिल (Triple Talaq Bill) को गैर कानूनी बनाते हुए 3 साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान शामिल है. राज्यसभा में चर्चा के बाद बिल को सेलेक्ट कमेटी के पास भेजने के प्रस्ताव पर वोटिंग हुई. विपक्षी दलों के कई सांसदों ने बिल को कमेटी के पास भेजने की मांग की थी. सदन ने इसे सेलेक्ट कमेटी के पास भेजने के प्रस्ताव को खारिज कर दिया. कमेटी को भेजने के पक्ष में 84 वोट पड़े जबकि नहीं भेजने के पक्ष में 100 सदस्य थे.
एक देश एक कर
मोदी सरकार ने कर सुधारों की सबसे बड़ा कदम पिछले कार्यकाल में जीएसटी बिल को पास कराकर किया. एक देश एक कर के सिद्धांत को मोदी सरकार ने कानून बनाकर पूरे देश में लागू कराकर सफलता पाई. आजादी के बाद से 70वें साल में भारत में सबसे बड़ा आर्थिक सुधार वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू किया गया, जिसने देश की संघीय प्रणाली में एकीकृत बाजार को पैदा किया. जीएसटी का पूरा नाम गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) है. यह केंद्र और राज्यों द्वारा लगाए गए 20 से अधिक अप्रत्यक्ष करों के एवज में लाया गया. नई अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था, जो भारतीय बाजार को एकीकृत करती है.
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मेरे प्यारे भाइयों और बहनों...
8 नवंबर 2016 की वह रात कौन भूल सकता है जब पीएम मोदी टीवी पर अचानक अवतरित होते हैं और राष्ट्र के नाम संबोधित करते हुए कहते हैं, ' आज से 500 और 1000 रुपये के नोट नहीं चलेंगे.' इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों आर्मी चीफ और राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात की. इस घोषणा के बाद देश में बैंको के बाहर लंबी कतारें लगने लगी. विपक्ष ने हाय-तौबा खूब मचाया. लेकिन पब्लिक कष्ट के बावजूद खुश थी. चुनावों में विपक्ष ने इसे भुनाना चाहा पर जनता ने नकार दिया.
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सर्जिकल स्ट्राइक
हेमराज के सिर को काट कर ले जाने वाले पाकिस्तान और उड़ी में खून की होली खेलने वाले आतंकियों ने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि भारतीय सेना उनके घर में घुसकर ऐसा तांडव मचाएगी उन्हें छठी का दूध याद आ जाएगा. उड़ी हमले के बाद पीएम मोदी ने भारतीय सेना का मनोबल बढ़ाते हुए सेना का छूट दी. सेना ने 2016 में 29 सितंबर के दिन ही पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में इस तरह की स्ट्राइक की थी. भारतीय सेना ने 29 सितंबर 2016 को एलओसी पर सर्जिकल स्ट्राइक की थी. इस सर्जिकल स्ट्राइक के दौरान किसी भी भारतीय सैनिक ने अपनी जान नहीं गंवाई थी.
बालाकोट में एयर स्ट्राइक
14 फरवरी 2019 को पुलवामा में आतंकियों ने सीआरपीएफ के काफिले पर हमला कर हमारे जवानों की जान ले ली. पीएम मोदी ने कहा था कि तेरहवीं से पहले ही हमारी सेना इसका बदला लेगी. पुलवामा हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सेना को खुली छूट दे दी. नतीजा ये हुआ कि 26 फरवरी को भारतीय वायु सेना ने मिराज 2000 लड़ाकू विमानों से पाकिस्तान के बालाकोट इलाके में पांच स्पाइस 200 ग्लाइड बम गिरा दिए.
इसमें जैश-ए-मोहम्मद के कई आतंकी ठिकाने तबाह हुए थे. बता दें कि भारतीय वायुसेना ने जम्मू और कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवानों की शहादत का बदला लेते हुए इस बड़ी कार्रवाही को अंजाम दिया था.
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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के बालाकोट समेत तीन जगह की गई एयर स्ट्राइक के लिए भारतीय वायुसेना के 6 एयरक्राफ्ट भेजे गए थे. इनमें से 5 एयरक्राफ्ट्स ने आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के बड़े आतंकी शिविरों को हिट किया, जबकि एक एयरक्राफ्ट से अपना टारगेट मिस हो गया. ये एयरक्राफ्ट मिराज-2000 विमान थे, जो इज़राइल स्पाइस-2000 बमों से लैस थे.