अयोध्या मामले से जुड़े एक केस पर आज सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुना दिया है. बड़े महत्व के इस केस में हालांकि फैसला काफी विस्तार से आया है, लेकिन इसके 5 अहम प्वाइंट ऐसे हैं जिनको सभी को जानना चाहिए.
ये हैं 5 अहम प्वाइंट
1. देश को हर धर्म को एक समान मानना होगा
2. मस्जिद में नमाज़ का मामला संवैधानिक पीठ के पास नहीं भेजा जाएगा
3. फारुकी केस का असर टाइटल सूट पर नहीं
4. मंदिर, मस्ज़िद, चर्च का सरकार कर सकती है अधिग्रहण.
5. जस्टिस अशोक भूषण ने कहा- 1994 के फैसले पर पुनर्विचार की जरूरत नहीं
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जानें क्या है इस्माइल फारूकी केस
5 दिसंबर 2017 को जब अयोध्या मामले की सुनवाई शुरू हुई थी. तब इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने इसे महज जमीन विवाद माना था. लेकिन मुस्लिम पक्षकार की ओर से पेश राजीव धवन ने कहा कि नमाज पढ़ने का अधिकार है और उसे बहाल किया जाना चाहिए.
धवन ने दलील दी कि सुप्रीम कोर्ट ने 1994 में दिए फैसले में कहा था कि मस्जिद में नमाज पढ़ना इस्लाम का अभिन्न अंग नहीं है. इलाहाबाद हाई कोर्ट का फैसला 1994 के जजमेंट के आलोक में था और 1994 के संवैधानिक बेंच के फैसले को आधार बनाते हुए फैसला दिया था जबकि नमाज पढ़ना इस्लाम का अभिन्न अंग है और जरूरी धार्मिक गतिविधि है और ये इस्लाम का अभिन्न अंग है.
अदालत ने कहा है कि मामले में कोर्ट इस पहलू पर फैसला लेगा कि क्या 1994 के सुप्रीम कोर्ट से संवैधानिक बेंच के फैसले को दोबारा देखने के लिए मामले को संवैधानिक बेंच भेजा जाए या नहीं. इसी मसले पर सुप्रीम कोर्ट ने अभी फैसला सुरक्षित किया है.
Source : News Nation Bureau