केंद्र सरकार, राज्य सरकार और नगा समूह के बीच सफल बातचीत के बाद मणिपुर में करीब पांच महीने से जारी आर्थिक नाकेबंदी आज रात 12 बजे के बाद से समाप्त हो गई है।
मणिपुर की राज्यपाल नजमा हेपतुल्ला ने कहा कि राज्य में आर्थिक नाकेबंदी के समाप्त होने से राज्य में शांति और समृद्धि आएगी। यूनाइटेड नगा काउंसिल (यूएनसी) ने कई मांगों को लेकर राज्य भर में आर्थिक नाकेबंदी लगा रखा था।
यूएनसी पूर्व मुख्यमंत्री इबोबी सिंह के उस फैसले का विरोध कर रही थी जिसमें उन्होंने राज्य में सात नए जिले बनाए जाने की बात कही थी। कांग्रेस सरकार के इस फैसले के खिलाफ यूएनसी ने एक नवंबर, 2016 को आर्थिक नाकेबंदी शुरू की थी।
नाकेबंदी समाप्त होने के बाद मुख्यमंत्री बिरेन सिंह ने कहा कि नाकेबंदी को समाप्त करना 'सिर्फ शुरुआत भर है', उनकी सरकार राज्य के लोगों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किए गए वादों को पूरा करने की हर संभव कोशिश कर रही है।
नाकेबंदी के कारण दो राष्ट्रीय राजमार्गों, NH-2 और NH-37 पर आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में भारी वृद्धि हो गई थी और सामान्य जन-जीवन भी प्रभावित हो रहा था।
इससे पहले रविवार को केंद्र, राज्य और नगा समूहों की बातचीत के बाद एक आधिकारिक बयान में नाकेबंदी खत्म किए जाने की बात कही गई थी। समझौते के बाद न्यायिक हिरासत में चल रहे यूएनसी के अध्यक्ष गाइडॉन कामेई और प्रचार सचिव एस स्टीफेन के जल्द रिहा होने की उम्मीद है।
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इसके अलावा समझौते के तहत इस आर्थिक नाकेबंदी को लेकर शुरू किए गए सभी मामले बंद किए जाएंगे। नाकेबंदी के दौरान कुछ अज्ञात लोगों ने राजमार्ग पर कई ट्रकों को फूंक दिया। वाहन चालकों के साथ मारपीट की और सुरक्षा कर्मियों पर भी हमला किया।
इस बैठक में मणिपुर सरकार की ओर से अतिरिक्त मुख्य सचिव सुरेश बाबू और आयुक्त के राधाकुमार, केंद्र सरकार की ओर से गृह मंत्रालय में पूर्वोत्तर का प्रभार देख रहे सचिव एस गर्ग और यूएनसी की ओर से पूर्व अध्यक्ष पॉल लीयो और एएनएसएएम तथा एनडब्ल्यूयू के नेता शामिल थे।
Source : News Nation Bureau