केरल (Kerala) के इडुक्की जिले के राजामलाई में पिछले चार दिनों से भारी बारिश के कारण हुए भूस्खलन (Landslide) में कम से कम 7 लोगों के मारे जाने की खबर है. इस हादसे में कई श्रमिक (Workers) लापता है. राहत कार्य युद्धस्तर पर जारी है और अब तक 10 मजदूरों को मलबे से जिंदा निकाला जा चुका है. भूस्खलन से इलाके में अफरा-तफरी का माहौल है. एर्नाकुलम, इडुक्की, त्रिशूर, पलक्कड़, मलप्पुरम, कोझीकोड, वायनाड, कन्नूर और कासरगोड सहित नौ जिलों में नौ अगस्त तक के लिए ऑरेंज अलर्ट (Orange Alert) जारी किया गया है.
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आपातकाली सेवाओं का बचाव अभियान जारी
राज्य के ऊर्जा मंत्री एम.एम. मणि ने कहा, 'भूस्खलन ऐसी जगह पर हुआ था, जहां चाय के मजदूर रहते हैं. यह स्थान एक पहाड़ी के शीर्ष पर है. स्थानीय विधायक भी मौके पर जा रहे हैं. सभी आपातकालीन सेवाओं को वहां लगा दिया गया है.' इस बीच, क्षेत्र के निवासी पार्थसारथी ने मीडिया को बताया कि उन्हें करीब 80 श्रमिकों और उनके परिवारों द्वारा बसाई गई तीन लाइनों के बारे में पता था, लेकिन वह ये नहीं जानते कि जब भूस्खलन हुआ था तब वहां कितने लोग थे. क्योंकि पिछले कुछ दिनों से भारी बारिश के कारण कई श्रमिक अपने घरों पर थे.
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मौके पर भेजी 15 एंबुलेंस
केरल के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा है कि एक मोबाइल मेडिकल टीम और 15 एबुलेंस को घटना स्थल पर भेजा गया है. राजमाला में भूस्खलन पीड़ितों को बचाने के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल तैनात किया गया है. पुलिस, अग्नि, वन और राजस्व अधिकारियों को भी बचाव अभियान तेज करने का निर्देश दिए गए हैं. उत्तरी केरल में भारी बारिश के मद्देनजर वायनाड और इडुकी जिलों के लिए 'रेड अलर्ट' जारी किया गया है. वहीं, चेलियार नदी उफनाने से नीलांबुर शहर में बाढ़ आ गई है.