एलएसी पर अप्रैल महीने से भारत-चीन के बीच तनातनी चल रही है. इस विवाद के बीच भारत लद्दाख में तैनात अपने सैनिकों को लॉजिस्टिक्स मदद करने का लगातार प्रयास कर रहा है. वहीं, सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बताया जा रहा है कि लद्दाख में आने वाले समय में पड़ने वाली कड़ाके की सर्दी में भी करीब पचास हजार सैनिकों की तैनाती हो सकती है. सूत्रों ने बताया कि सर्दियों के कपड़े, राशन, आर्कटिक टेंट से लेकर पोर्टेबल हीटर तक पहुंचाने के लिए सेना के जहाज के साथ हेलीकॉप्टर करीब-करीब हर दिन लद्दाख के लिए उड़ान भर रहे हैं. वहीं, 15 सितंबर को जो तस्वीर सामने आईं उसमें देखा जा सकता है कि किस तरह सेना ऊंचाई वाली जगह पर तैनात जवानों तक चीजें पहुंचाने के लिए कोशिश की जा रही है.
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वहीं, लोकसभा में राजनाथ सिंह ने कहा कि हमारे सैनिकों का दृढ़ संकल्प तारीफ योग्य है. वह लंबे समय से सियाचिन और कारगिल जैसे बेहद कम तापमान और ठंडे रहने वाले ऊंचाई के क्षेत्र में रहने में सक्षम हैं. उन्होंने कहा कि निचले सदन को सशस्त्र बलों के समर्थन में एक प्रस्ताव पारित करना चाहिए. रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने लद्दाख के हालात को लेकर लोकसभा में दिए गए जवाब में कहा, मैं आपको आवश्वस्त कर सकता हूं कि हमारे जवानों का मनोबल ऊंचा है. इसके अलावा, हम किसी भी हालात के लिए पूरी तरह से तैयार हैं. इससे पहले, सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने 3 सितंबर को लद्दाख में सेना तैयारियों का जायजा लिया था.
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उन्होंने फॉरवर्ड इलाकों का दौरा करते हुए लॉजिस्टिक्स अरेंजमेंट्स की समीक्षा की थी. चीन ने 50,000 सैनिकों, 150 विमानों, टैंकों, भारी तोपों, मिसाइलों और एयर डिफेंस आदि की पूर्वी लद्दाख की सीमा पर तैनाती की है. भारत भी ड्रैगन की सभी हरकतों का माकूल जवाब दे रहा है.
Source : News Nation Bureau