Advertisment

50वां नागी दिवस : पाकिस्तान के विश्वासघात पर हमारी सेना की जीत का जश्न

50 साल पहले गांव वालों की मदद से लड़े गए नागी युद्ध में महज दो घंटे की लड़ाई में पाकिस्तानी सेना को फिर से पराजय का मुंह देखना पड़ा और उसके सैनिक भाग खड़े हुए थे. 

author-image
Keshav Kumar
New Update
50th nagi day

नागी दिवस राष्ट्रीय एकता का प्रतीक है( Photo Credit : News Nation)

नागी के युद्ध की 50वीं वर्षगांठ के मौके पर साधुवाली स्थित सुदर्शन चक्र डिवीजन की ओर से सोमवार को मनमोहक सांस्कृतिक और संगीतमय शाम का आयोजन किया गया. साधुवाली छावनी में युद्ध के दिग्गजों, वीर नारियों, सेवारत कार्मिकों, गणमान्य नागरिक और मीडियाकर्मियों की मौजूदगी  'ए ट्वाइलाइट विद ब्रेव हार्ट्स' के साथ नागी दिवस 2021 से जुड़े सभी समारोहों को सबके लिए खोल दिया गया. 50 साल पहले गांव वालों की मदद से लड़े गए नागी युद्ध में महज दो घंटे की लड़ाई में पाकिस्तानी सेना को फिर से पराजय का मुंह देखना पड़ा और उसके सैनिक भाग खड़े हुए थे. 

Advertisment

प्रोग्राम की शुरुआत 'सोन-एट-लुमियर' लेजर लाइट शो के आकर्षक प्रदर्शन के साथ हुई. नागी की लड़ाई को दर्शाती हुई मल्टीमीडिया, ऑडियो-विजुअल प्रस्तुति ने शानदार रोशनी और आवाज के असर के साथ शानदार शो ने लोगों को मुग्ध कर दिया. आर्मी बैंड की भावपूर्ण प्रस्तुतियों के बीच, सेना के प्रतिभाशाली सैनिकों और परिवारों की ओर से संगीतमय श्रद्धांजलि का दर्शकों ने आनंद दिया. इसमें राष्ट्रीय उत्साह का चित्रण और जश्न मनाया गया और नागी की लड़ाई के वीर शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई. आर्मी के पाइप बैंड के शानदार प्रदर्शन के बाद सिख सैनिकों ने गतका की पारंपरिक मार्शल आर्ट और सेना के गोरखाओं ने खुकरी नृत्य का प्रदर्शन किया.

ये भी पढ़ें - PM मोदी अब 12 करोड़ की मर्सिडीज में करेंगे सफर, धमाकों का नहीं होगा असर

राष्ट्रीय एकता का प्रतीक है नागी दिवस 

Advertisment

नागी दिवस राष्ट्रीय एकता का प्रतीक है. यह श्रीगंगानगर और भारतीय सेना के बीच गहरी दोस्ती की मिसाल है. इस साल 1971 के युद्ध में देश की जीत के 50 वर्ष पूरे होने पर पारंपरिक उत्साह के साथ स्वर्णिम विजय वर्ष मना रहा है. नागी दिवस उस दिन का प्रतीक है, जब 25-26 दिसंबर 1971 को, पाकिस्तान ने 16 दिसंबर 1971 को युद्धविराम की घोषणा के बाद, नागी में भारतीय क्षेत्र पर विश्वासघाती कब्जा कर लिया था. नागी ने पश्चिमी मोर्चे के साथ एक भीषण लड़ाई देखी जिसमें हमारी भारतीय सेना ने पाकिस्तान की सेना का क्षेत्र हासिल करने की घटिया कोशिशों को नाकाम कर दिया था. यह लड़ाई भारतीय सेना के सच्चे बहादुरी का प्रतीक है. इसमें 21 वीर सैनिकों ने सर्वोच्च बलिदान दिया और राष्ट्र के सम्मान की रक्षा की. यह लड़ाई भारतीय सेना के इतिहास में 'सैंड ड्यून' के नाम से दर्ज है.

HIGHLIGHTS

Advertisment
  • 1971 युद्ध में देश की जीत के 50 वर्ष पूरे होने पर स्वर्णिम विजय वर्ष मनाया जा रहा
  • नागी दिवस श्रीगंगानगर और भारतीय सेना के बीच गहरी दोस्ती की मिसाल है
  • नागी की लड़ाई भारतीय सेना के इतिहास में 'सैंड ड्यून' के नाम से दर्ज है
श्रीगंगानगर Sri Ganganagar nagi war memorial फरहान अख्तर का 50वां जन्मदिन pakistan भारतीय सेना Sand dune indian-army
Advertisment
Advertisment