शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी, अमृतसर द्वारा आयोजित एक विशेष उड़ान 38 वयस्कों, 14 बच्चों और 3 शिशुओं को लेकर अफगानिस्तान के काबुल से दिल्ली पहुंच गई. यह विशेष विमान नई दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंची. यहां से पहुंचने के बाद सभी यात्री हवाई अड्डे पर जरूरी आवश्यक औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद नई दिल्ली के न्यू महावीर नगर में गुरुद्वारा श्री गुरु अर्जन देव जी, के ब्लॉक की ओर प्रस्थान किए. शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी, भारतीय विश्व मंच और भारत सरकार के समन्वय से संकटग्रस्त अल्पसंख्यकों को इस्लामिक राष्ट्र से निकालने में मदद की. जून में काबुल के गुरुद्वारा करते परवान में हुए हमले के बाद से अब तक 68 अफगान हिंदू और सिख आ चुके हैं. यात्रियों का हवाई किराया कमेटी वहन कर रही है.
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आम आदमी पार्टी के सांसद विक्रमजीत सिंह साहनी ने ट्वीट करते हुए लिखा, भगवान की कृपा से 55 सिखों एवं हिंदुओं का आखिरी जत्था अफगानिस्तान से सुरक्षित नई दिल्ली पहुंच गया. विदेश मंत्रालय को धन्यवाद जिसने ई-वीजा जारी कर उन्हें वहां से यहां लाने में मदद की. एसजीपीसी को भी धन्यवाद. हम लोग, ‘मेरा परिवार, मेरी जिम्मेदारी‘ कार्यक्रम के तहत उनका पुनर्वास करेंगे. भारतीय विश्व मंच ने काबुल में सत्ता परिवर्तन के बाद 300 से अधिक अफगान हिंदुओं और सिखों के लिए मानवीय निकासी का समन्वय और सुविधा प्रदान की है. पदम श्री विक्रमजीत सिंह साहनी के नेतृत्व में विश्व पंजाबी संगठन पुनर्वास सहायता प्रदान करेगा. 25 सितंबर तक 43 हिंदू और सिख अभी भी अफगानिस्तान में हैं और नौ ई-वीजा आवेदन अभी भी भारत सरकार के पास जारी करने के लिए लंबित हैं. श्री गुरु ग्रंथ साहिब के चार स्वरूप अभी भी अफगानिस्तान में हैं और काबुल में स्थानीय प्रशासन से सहयोग की कमी के कारण उन्हें धार्मिक प्रोटोकॉल के अनुसार भारत में स्थानांतरित नहीं किया जा सका है. इससे पहले 14 जुलाई को सबसे बड़ी निजी अफगान एयरलाइन से एक शिशु सहित कुल 21 अफगान सिखों को काबुल से नई दिल्ली लाया गया था.