इस साल गर्मी ने अपने सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. चिलचिलाती धूप से हर व्यक्ति परेशान हैं. तापमान 50 डिग्री सेल्सियय तक पहुंच चुका है. मौसम की मार सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में दिखाई दे रही है. गर्मी का आंतक सऊदी अरब में भी दिख रहा है. हज यात्रियों के लिए भीषण गर्मी मुसीबत बन गई है. हज यात्रा में अब तक करीब 550 हजयात्रियों की मौत हो गई. मंगलवार को सऊदी अरब के राजनयिकों ने यह जानकारी साझा की है. राजनयिकों की मानें तो इन मौतों की वजह सिर्फ प्रचंड और चिलचिलाती गर्मी है. हालांकि, सऊदी अरब के स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि मौत गर्मी के कारण नहीं हुई है.
मृतकों में मिस्र के लोग सबसे अधिक
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मक्का की ग्रैंड मस्जिद में सोमवार को तापमान 51.8 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था. मृतकों में सबसे अधिक मिस्र के हज यात्री शामिल हैं. इसके अलावा, जॉर्डन के भी कई नागरिकों ने हजयात्रा के दौरान जान गंवा दी है. रिपोर्ट के मुताबिक, मृतकों में 60 नागरिक जॉर्डन के तो पांच नागरिक ईरान के रहने वाले थे. कुल मृतकों में सबसे अधिक 323 लोग मिस्र के नागरिक थे. सभी मृतकों में एक चीज सबसे आम है कि सभी में गर्मी से संबंधित बीमारियां प्राथमिक रहीं.
सऊदी अरब ने गर्मी से हो रही मौतों को नकारा
इन सबके बीच, सऊदी अरब गर्मी से संबंधित मौतों से लगातार इनकार कर रहा है. सऊदी अरब के स्वास्थ्य मंत्रालय ने दो दिन पहले यानी सोमवार को बताया था कि इस वर्ष गर्मी के कारण हजयात्रियों की कोई भी महत्वपूर्ण मृत्यु नहीं हुई है. स्वास्थ्य मंत्रालय के एक अधिकारी की मानें तो हजयात्रियों में अलग-अलग तरह की स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं देखी गई हैं.
हज इस्लाम के पांच फर्जों में से एक
हज, दुनिया की सबसे बड़ी धार्मिक यात्राओं की सूची में शुमार है. अरब के मक्का में हज के लिए हर साल दुनियाभर से लोखों लोग जुटते हैं. इस्लाम के पांच फर्ज़ में से एक फर्ज हज है. धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक शारीरिक और आर्थिक रूप से सक्षम हर मुसलमान को अपनी जिंदगी में कम से कम एक बार इस फर्ज़ को निभाने का दायित्व है. बता दें, इस्लाम के बाकी चार फर्ज कलमा, रोजा, नमाज और जकात है.
Source : News Nation Bureau