घाटी में टारगेट किलिंग की बढ़ती घटनाओं के बाद केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) के 5500 से अधिक अतिरिक्त जवानों (55 कंपनी) को कश्मीर में भेजा गया है. पिछले कुछ महीनों से आतंकी गैर कश्मीरी लोगों को निशाना बना रहे हैं. कई लोगों की हत्याओं के बाद सरकार ने सुरक्षाबलों की संख्या बढ़ाने का फैसला लिया है. अधिकारियों ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पिछले महीने निर्देश दिया था कि आम नागरिकों की लक्षित हत्याओं के मद्देनजर केंद्रीय बलों की लगभग 55 नई कंपनी कश्मीर घाटी में तैनात की जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि इस कवायद की अंतिम पांच कंपनी अगले सप्ताह तक तैनात हो जाएंगी.
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केंद्र सरकार ने 25 कंपनियां केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की हैं और शेष सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की घाटी में भेजी हैं. सीएपीएफ की एक कंपनी में लगभग 100 कर्मी होते हैं. जम्मू-कश्मीर में आम नागरिकों को निशाना बनाकर की गई गोलीबारी में एक अक्टूबर से अब तक कम से कम 14 लोगों की जान जा चुकी है. मारे गए लोगों में से पांच बिहार के मजदूर थे, जबकि दो शिक्षकों सहित तीन लोग कश्मीर के हिन्दू-सिख समुदाय से थे.
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सोमवार को प्रदेश के पुराने श्रीनगर के बोहरी कदल इलाके मे आतंकवादियों ने एक कश्मीरी पंडित की दुकान के सेल्समैन की गोली मारकर हत्या कर दी थी. इस घटना के बाद यहां तनाव चरम सीमा पर पहुंच गया है. इस घटना से एक दिन पहले ही श्रीनगर के बटमालू इलाके में आतंकिवादियों ने एक पुलिसकर्मी की हत्या कर दी थी. सीआरपीएफ ने इसे लेकर कहा कि जम्मू-कश्मीर में हाल में हुई नागरिकों की हत्याओं को देखते हुए बल की पांच अतिरिक्त कंपनियों को यहां भेजा जा रहा है. एक सप्ताह में इनकी तैनाती हो जाएगी. सीआरपीएफ ने यह भी बताया कि केंद्र शासित प्रदेश में इस साल अब तक कुल 112 आतंकी मार गिराए गए हैं और 135 को पकड़ा गया है.
Source : News Nation Bureau