लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha Elections 2019) में पताका फहराने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) अब मंत्रिपरिषद के गठन की कवायद में जुटे हैं. इसकी तैयारी शुरू हो चुकी है. चुनाव में जीत हासिल होने के बाद से ही मंत्रिपरिषद गठन को लेकर तमाम तरह की अटकलबाजी चल रही है. किसका कद बढ़ेगा, किसका घटेगा, किन नए चेहरों को मौका मिलेगा. फिलहाल जिनका कद बढ़ाए जाने की सबसे अधिक चर्चा है, उनमें 6 नाम प्रमुख हैं: पीयूष गोयल (Piyush Goel), राज्यवर्द्धन सिंह राठौर (Rajyavardhan Singh Rathor), जनरल वीके सिंह (General VK Singh), धर्मेंद्र प्रधान (Dharmendra Pradhan), बाबुल सुप्रियो (Babul Supriyo) और जयंत सिन्हा (Jayant Sinha).
पीयूष गोयल
मोदी सरकार 2 में पीयूष गोयल का कद बढ़ाने की सबसे अधिक चर्चा है. 2014 में पीयूष गोयल को कोयला-पावर एंड न्यू रिन्यूएबल एनर्जी का राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बनाया गया था. बाद में बढ़ती ट्रेन दुर्घटनाओं को लेकर रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने इस्तीफा दे दिया तो पीयूष गोयल को रेल मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई थी. दूसरी ओर, पिछला अंतरिम बजट भी पीयूष गोयल ने ही पेश किया था, क्योंकि वित्त मंत्री अरुण जेटली स्वास्थ्य कारणों से अमेरिका गए हुए थे. पीयूष गोयल को पीएम नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह का खास माना जाता है.
जनरल वी. के. सिंह
जनरल वीके सिंह गाजियाबाद सीट से दूसरी बार चुने गए हैं. सेना के जनरल के पद से रिटायर होने के बाद 2014 में उन्हें विदेश राज्य मंत्री बनाया गया था. राज्यमंत्री रहते हुए वीके सिंह ने बेहतर काम किए थे. इनमें यमन में आईएस (ISIS) आतंकियों के चंगुल में फंसे सैकड़ों भारतीयों को सही सलामत वापस लाने का मामला हो या फिर इराक में आतंकियों के हाथ मारे गए 39 भारतीयों के अवशेष को उनके परिवार तक पहुंचाने का काम हो. इसलिए माना जा रहा है कि इस बार मोदी सरकार की नई कैबिनेट में वीके सिंह का कद बढ़ सकता है.
धर्मेंद्र प्रधान
2014 में मोदी सरकार में धर्मेंद्र प्रधान को पेट्रोलियम मंत्रालय का राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बनाया गया था. उनके मंत्री रहते हुए उज्ज्वला योजना के तहत देश के गरीब परिवारों को मुफ्त में गैस कनेक्शन दिए गए. यह योजना काफी सफल रही. इसके तहत 7 करोड़ लोगों को मुफ्त में कनेक्शन दिए गए. मोदी सरकार की वापसी में इस योजना की अहम भूमिका मानी जा रही है. दूसरी ओर, ओडिशा में पार्टी का ग्राफ बढ़ाने को लेकर भी धर्मेंद्र प्रधान की अहमियत को देखते हुए नई सरकार में उनका कद बढ़ाया जा सकता है.
राज्यवर्धन सिंह राठौर
2014 में राज्यवर्द्धन सिंह राठौर पहली बार बीजेपी के टिकट पर जीकर सांसद बने और उन्हें मोदी सरकार में केंद्रीय खेल राज्यमंत्री बनाया गया. इसके बाद स्मृति ईरानी से सूचना प्रसारण मंत्रालय की जिम्मेदारी लेकर राज्यवर्धन सिंह राठौर को इस मंत्रालय का स्वतंत्र प्रभार सौंपा गया था. बताया जा रहा है कि खेल और सूचना व प्रसारण मंत्रालय में उनके काम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी काफी प्रभावित थे. अब जबकि राठौर दूसरी बार चुनाव जीतने में कामयाब रहे हैं, ऐसे में मोदी सरकार में उन्हें अहम जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है.
बाबुल सुप्रियो
पश्चिम बंगाल के आसनसोल सीट से एक बार फिर चुने गए बाबुल सुप्रियो का कद इस बार बढ़ सकता है. बंगाल में बीजेपी अपना पांव पसार रही है और इस बार तो पार्टी ने 42 में से 18 सीटें जीती है. ऐसे में सुप्रियो का कद बढ़ना लाजमी है, क्योंकि डेढ़ साल के बाद ही बंगाल में विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में पार्टी राज्य में ममता से सत्ता छीनने के लिए बीजेपी हरसंभव कोशिश करेगी. बाबुल सुप्रियो को 2014 में मोदी सरकार में राज्यमंत्री की जिम्मेदारी दी गई थी.
जयंत सिन्हा
बीजेपी के बागी नेता यशवंत सिन्हा के बेटे जयंत सिन्हा भी दूसरी बार झारखंड की हजारीबाग सीट से सांसद चुने गए हैं. 2014 में उन्हें केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री का ओहदा हासिल हुआ था. कैबिनेट में फेरबदल के बाद उन्हें नागरिक उड्यन मंत्रायल में राज्य मंत्री बनाया गया था. उनके पिता यशवंत सिन्हा मोदी सरकार के खिलाफ आग उगलते रहे, लेकिन जयंत सिन्हा ने लगातार सरकार की पैरवी की और पिता की बातों से कभी खुद को नहीं जोड़ा. माना जा रहा है कि इस बार मोदी कैबिनेट में उनका भी प्रमोशन हो सकता है.
Source : News Nation Bureau