सुरक्षा बलों ने आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा को वित्तीय सहायता पहुंचाने वाले एक नेटवर्क के छह सदस्यों को गिरफ्तार किया और जम्मू क्षेत्र में गिरोह को पुनः सक्रिय करने की उनकी साजिश को नाकाम किया. अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि सेना से प्राप्त सूचना के आधार पर नेटवर्क का भंडाफोड़ किया गया. उन्होंने कहा कि आतंकी संगठन द्वारा जम्मू शहर में गिरोह को पुनः सक्रिय करने की सूचना मिली थी. उन्होंने कहा कि गोपनीय सूचना के आधार पर सुरक्षा बलों ने मुद्दसिर फारूक भट को पकड़ा और उसके पास से डेढ़ लाख रुपये नकद बरामद किए जो लश्कर ए तैयबा को दिए जाने थे. पूछताछ के दौरान भट ने स्वीकार किया कि उसका संबंध लश्कर ए तैयबा से है. इस दौरान उसने गिरोह के अन्य सदस्यों का नाम भी उजागर किया. अधिकारी ने कहा कि सेना और पुलिस ने आतंकी संगठन के पांच और सदस्यों को गिरफ्तार किया. उन्होंने कहा कि मामला दर्ज कर लिया गया है और जांच जारी है.
आपको बता दें कि पिछले साल 5 अगस्त के बाद से जम्मू-कश्मीर से धारा 370 और अनुच्छेद 35A को निष्प्रभावी बनाने के बाद से ही घाटी में जवानों ने ऑपरेशन ऑल-आउट चला दिया था जिसके अंतर्गत एक के बाद एक करके सभी आतंकियों को या तो गिरफ्तार कर लिया गया या फिर उनका एनकाउंटर कर दिया गया. ऐसा लगता है कि पहली बार जब मोदी सरकार बनी थी तभी से वह इस पर काम करना शुरू कर दी थी. सबसे पहले उसने पत्थरबाजों पर नकेल कसने के लिए नोटबंदी का सहारा लिया और ऑपरेशन ऑल आउट के जरिए आतंकी समूहों को खत्म करना शुरू कर दिया.
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पिछले साल घाटी में सक्रिय थे 4000 आतंकी
हालात यह हैं कि घाटी में जहां कभी 4000 से अधिक आंतकी सक्रिय थे अब उनकी संख्या घटकर 250 से 300 रह गई है. कश्मीर में धारा 370 (Article 370) और अनुच्छेद 35A (Article 35A) के खत्म होने के बाद सैन्य सूत्रों व खुफिया तंत्र के मुताबिक, उत्तरी कश्मीर में एलओसी के पार पाकिस्तानी इलाके में स्थित लांचिग पैड पर 60 और जम्मू में अखनूर से लेकर पुंछ तक एलओसी के पार 50 आतंकी घुसपैठ के लिए तैयार बैठे हैं. हालांकि सेना किसी भी हमले का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार है. आइए जानें मोदी सरकार के दौरान कश्मीर में कितने आतंकियों को ढेर किया गया.
Source : News Nation Bureau