मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार के छह मंत्रियों को हटाए जाने की चल रही चर्चाओं की पुष्टि लोक निर्माण मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने सोमवार को कर दी है. वर्मा ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में कहा, "कई लोगों को एकोमोडेट किया जाना है, इसलिए पांच-छह मंत्रियों को हटाया जा सकता है. उन्हें संगठन में जिम्मेदारी दी जा सकती है." वर्मा ने आगे कहा, "किसी भी राज्य की सरकार को चलाने की प्रक्रिया होती है. नए लोगों को जोड़ें, पुराने लोगों को भी काम दें, किसी को संगठन की जिम्मेदारी दें. संगठन का किसी को मुखिया बनाया जाए. इसी क्रम में अभी तो छह मंत्रियों को हटाने की बात है. इन स्थानों पर नए लोगों को लाया जाए, वहीं मंत्रियों के पांच पद अभी खाली पड़े हैं."
ज्ञात हो कि पिछले कुछ दिनों से राज्य सरकार के छह मंत्रियों को हटाने की चर्चा है. सरकार के भविष्य पर किसी तरह का खतरा न आए, इसके लिए मुख्यमंत्री कमलनाथ समर्थन देने वाले गैर कांग्रेसी विधायकों को मंत्री बनाना चाहते हैं. कमलनाथ ने एक एक फार्मूला बनाया है. इसके मुताबिक, तीनों बड़े नेताओं (कमलनाथ, दिग्विजय सिंह व ज्योतिरादित्य सिंधिया) के कोटे वाले दो-दो मंत्रियों को बाहर करने की तैयारी है.
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राज्य की 230 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के 114, भाजपा के 108 विधायक हैं. इसके अलावा दो बसपा, एक सपा और चार निर्दलीय विधायक हैं. अभी हाल ही में एक सीट खाली हुई है, क्योंकि झाबुआ से विधायक रहे जी. एस. डामोर सांसद का चुनाव जीत गए हैं. कांग्रेस को बसपा के दो, सपा के एक और चार निर्दलीय विधायकों का समर्थन हासिल है. एक निर्दलीय मंत्री है, जबकि तीन मंत्री बनने का इंतजार कर रहे हैं. वहीं अन्य समर्थन करने वाले विधायक भी कतार में हैं.
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इस तरह निर्दलीय तीन विधायकों और बसपा के दो व सपा के एक विधायक को कमलनाथ मंत्री बनाने की योजना पर काम कर रहे हैं, ताकि इन समर्थन देने वाले विधायकों के असंतोष को दबाया जा सके और सरकार पर कोई खतरा न रहे.
HIGHLIGHTS
- कमलनाथ सरकार से हटाए जाएंगे 6 मंत्री
- मप्र. में कांग्रेस के हैं 114 विधायक
- बीजेपी के 108 विधायक