केंद्रीय जल संसाधन मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को पानी संकट से निपटने के लिए ऊपरी यमुना बेसिन में लखवार बहुउद्देश्यीय परियोजना के निर्माण के लिए छह राज्यों के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। समझौता ज्ञापन पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री (योगी आदित्यनाथ) सहित राजस्थान (वसुंधरा राजे सिंधिया), उत्तराखंड (त्रिवेंद्र सिंह रावत), हिमाचल प्रदेश (जयराम ठाकुर), हरियाणा (मनोहर लाल खट्टर) और दिल्ली के मुख्यमंत्री (अरविंद केजरीवाल) ने भी हस्ताक्षर किए।
समझौते के तहत, 204 मीटर ऊंची परियोजना का निर्माण उत्तराखंड के लोहारी गांव के पास 330.66 मिलियन क्यूबिक मीटर (एमसीएम) की लाइव स्टोरेज क्षमता के साथ किया जाएगा।
इस परियोजना से 6 राज्यों का पानी संकट कम होने की उम्मीद जताई जा रही है। दिल्ली, हरियाणा में पानी का संकट काफी समय से गहराता जा रहा है, ऐसे में इस परियोजना के शुरू होने से इन राज्यों में लोगों को पर्याप्त मात्रा में पानी मिल पाएगा। हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने कहा हरियाणा को बांध से 47 प्रतिशत पानी आवंटित किया जाएगा, और शेष 53 प्रतिशत पांच अन्य राज्यों को दिया जाएगा। खट्टर ने आगे कहा कि हरियाणा के लोग लंबे समय तक पीने के पानी और बिजली की समस्या से परेशान हैं, लखवार बांध परियोजना इन समस्याओं को धीरे-धीरे कम करेगी।
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गडकरी ने कहा, 'जनवरी और जून के बीच पानी संकट से निपटने के लिए ऊपरी यमुना बेसिन में भंडारण सुविधा को बनाने के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं।'
The agreement worth Rs.4,000 crore b/w 6 states; UP,Delhi,Uttarakhand,Rajasthan,HP&Haryana is valuable. In Jan,Feb,Mar,Apr&May,when there's no water in Yamuna,this project will make water available for 6 states:Union Min Nitin Gadkari over signing of MoU b/w MOWR&CMs of 6 states pic.twitter.com/IXgGClruGc
— ANI (@ANI) August 28, 2018
मंत्री ने कहा कि यह समझौता यमुना के मॉनसून प्रवाहों का संरक्षण और उपयोग करने का एक प्रयास है, जिसमें कहा गया है कि परियोजना को 90 प्रतिशत केंद्र द्वारा वित्त पोषित किया जाएगा, जबकि शेष राशि छह राज्यों द्वारा दी जाएगी। कुल परियोजना 3,966.51 करोड़ रुपये की है।
गडकरी ने कहा कि जल भंडारण के जरिए 33,780 हेक्टेयर भूमि की सिंचाई होगी और छह बेसिन राज्यों में घरेलू पेयजल और औद्योगिक उपयोग के लिए 78.83 एमसीएम पानी उपलब्धता कराया जाएगा।
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उन्होंने कहा कि परियोजना 300 मेगावाट बिजली भी उत्पन्न करेगी और उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड (यूजेवीएल) द्वारा इसका निष्पादन किया जाएगा।
Source : IANS