पेट्रोल, डीजल के बढ़ते दाम के बीच पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और संघ शासित चंडीगढ़ ने पेट्रोलियम उत्पादों पर एक समान कर लगाने पर मंगलवार को सहमति जताई. दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया ने बैठक के बाद कहा, ‘इससे सरकार का राजस्व बढ़ेगा और इसके साथ-साथ कालाबाजारी पर रोक लगेगी.
वाहनों के रजिस्ट्रेशन पर भी समान शुल्क लगेगा
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, इनके अलावा ये राज्य शराब, वाहनों के पंजीयन तथा परिवहन परमिट के मामले में भी एक समान दर रखने पर सहमत हुए हैं. पांचों राज्यों के वित्तमंत्रियों तथा केंद्रशासित प्रदेश चंडीगढ़ के अधिकारियों ने इस मामले को लेकर यहां एक बैठक में चर्चा की. बयान में कहा गया, ‘बैठक के दौरान पेट्रोल एवं डीजल पर मूल्य वर्धित कर (वैट) की दरें समान रखने पर सहमति बनी.
Haryana, Punjab, Himachal Pradesh, Uttar Pradesh, Delhi & union territory of Chandigarh agreed to move towards uniform fuel rates,in a meeting of Finance Ministers&officers of Northern States held in Chandigarh y'day.Participating states decided to constitute sub-committee for it pic.twitter.com/JFMfwA71fJ
— ANI (@ANI) September 26, 2018
15 दिन में आएगा सुझाव
शामिल राज्यों ने यह भी निर्णय लिया कि इसके संबंध में एक उप-समिति गठित की जाएगी जो अगले 15 दिनों में दरें एक समान रखने को लकर सुझाव देगी. बैठक में यह भी निष्कर्ष निकला कि एक समान दरों से व्यापार के हेर-फेर पर रोक लगेगी.
उपभोक्ताओं को मिलेगी राहत
हरियाणा के वित्तमंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने कहा कि बैठक में तय किया गया कि पेट्रोल, डीजल पर वैट दरों में समानता लाने के प्रयास किए जाने चाहिए, ताकि उपभोक्ताओं को राहत दी जा सके. पंजाब उन राज्यों में शामिल है जहां पेट्रोल पर पर सबसे ऊंची दर से वैट लगता है.