केरल में बारिश कम होने और धीरे-धीरे पानी के स्तर में कमी आने के बाद लोग अपने-अपने आशियाने की तरफ वापस रुख़ कर रहे हैं लेकिन घर की हालत देखकर कोई आत्महत्या कर ले रहा है तो कोई बेसुध हो जा रहा है। केरल में 68 वर्षीय एक व्यक्ति ने कथित तौर पर आत्महत्या कर ली है। राज्य में गत आठ अगस्त से हो रही मूसलाधार बारिश में उसका यहां के निकट स्थित मकान क्षतिग्रस्त हो गया था।
पुलिस ने बताया कि कुंजप्पन आज अपने घर के भीतर फांसी से लटकते हुए मृत पाए गए। कुंजप्पन और उनके रिश्तेदार को उस वक्त राहत शिविर में स्थानांतरित कर दिया गया था जब पिछले सप्ताह कोठाड स्थित उनके मकान में पानी घुस गया था। पुलिस ने बताया कि अपने मकान को क्षतिग्रस्त देखकर उनका दिल टूट गया था।
कुंजप्पन ने अपने परिवार से कहा कि वह घर की सफाई करने जा रहे हैं। वह कल शाम शिविर से रवाना हुए। इससे पहले, 19 वर्षीय एक छात्र ने कोझीकोड जिले के करनथूर में कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी। बाढ़ में उसकी 12 वीं कक्षा का प्रमाण पत्र नष्ट हो गया था।
स्वास्थ्य मंत्री केके शैलजा ने मीडिया को बताया कि लोग कई मानसिक तनावों से गुजर रहे हैं और उन्हें काउंसिलिंग की जरूरत हैं। जिन लोगों को जरूरत है, उन्हें एक महीने के लिए मुफ्त दवा मुहैया कराई जाएंगी।
वर्ष 1924 से अब तक की सबसे विनाशकारी बाढ़ के कारण केरल में करीब 10 लाख लोग तीन हजार से ज्यादा राहत शिविरों में रह रहे थे। 29 मई से शुरू हुई मानसूनी बारिश के बाद से करीब 370 लोगों की मौत हो चुकी है।
वहीं केरल के वंदिपेरियार में कक्षा 10 का छात्र गौतम जब अपने घर पहुंचा तो उसने देखा कि बाढ़ ने उसकी सारी किताबें नष्ट कर दी है। वह कहता है, 'हम आज 15 दिनों के बाद राहत शिविर से घर लौटे, मुझे अपनी किताबें नहीं मिल रहीं। मुझे नहीं पता कि मैं अब अपनी पढ़ाई कैसे जारी रखूंगा?' गौतम के पिता ने कहा, 'हमने सबकुछ खो दिया है।'
केरल में नौसेना ने बचाव अभियान बंद किया
दक्षिणी नौसेना कमांड ने बाढ़ प्रभावित केरल में आज (बुधवार) 14 दिन का अपना बचाव अभियान बंद कर दिया और कहा कि प्रभावित इलाकों में पानी घटने के कारण लोगों को निकालने के लिए और कोई अनुरोध सामने नहीं आया है। इसमें बताया गया है कि राज्य प्रशासन और आपदा राहत अभियान उपक्रमों में सहायता के लिए नौ अगस्त को शुरू किये गये ‘ऑपरेशन मदद’ के दौरान नौसेना के जवानों ने कुल 16,005 लोगों को बचाया।
एक रक्षा विज्ञप्ति में बताया गया है, 'बाढ़ का पानी घटने और बचाव के लिए कोई और अनुरोध प्राप्त नहीं होने के कारण दक्षिणी नौसेना कमान ने ऑपरेशन मदद के लिए तैनात सभी बचाव टीमों को वापस बुला लिया है।'
आपदा प्रबंधन राज्य नियंत्रण कक्ष के मुताबिक, आठ अगस्त से बाढ़ से जुड़ी घटनाओं में 231 लोगों की जान गयी है और 32 लोग लापता हैं। पूरे राज्य में 3,879 राहत शिविरों में 3.91 लाख परिवारों के करीब 14.50 लाख लोग अभी भी रह रहे हैं। नौसेना के अलावा थल सेना, वायु सेना और तटरक्षक बल भी नागरिक प्रशासन के साथ राहत एवं बचाव अभियानों में शामिल था।
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थलसेना के दक्षिणी कमान के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल डी आर सोनी ने सोमवार को कहा था कि जब तक बाढ़ प्रभावित केरल में स्थिति स्थिर नहीं हो जाती है तब तक हमारे जवान लगातार बचाव अभियान चलाते रहेंगे।
Source : News Nation Bureau