Advertisment

70 प्रतिशत लोग चाहते हैं 1000 रुपये के नोट की वापसी: सर्वे

8 नवंबर 2016 को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 1000 और 500 रुपये के नोट बंद कर दिए थे। एक सर्वे के अनुसार इस नोटबंदी के करीब 10 महीने बाद भी देश की 70 फीसदी जनसंख्या चाहती है कि 1 हजार का नोट फिर से शुरू होना चाहिए।

author-image
Narendra Hazari
एडिट
New Update
70 प्रतिशत लोग चाहते हैं 1000 रुपये के नोट की वापसी: सर्वे

नोटबंदी में बंद हुए 1000 रुपये के नोट (फाइल)

Advertisment

8 नवंबर 2016 को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 1000 और 500 रुपये के नोट बंद कर दिए थे। एक सर्वे के अनुसार इस नोटबंदी के करीब 10 महीने बाद भी देश की 70 फीसदी जनसंख्या चाहती है कि 1 हजार का नोट फिर से शुरू होना चाहिए।

सरकार ने जब इन नोट्स को बंद किया तो उस वक्त देश की करीब 86 प्रतिशत रनिंग करेंसी की वेल्यू खत्म हो चुकी थी। हाल ही में रिजर्व बैंक ने कुछ आंकड़े जारी किए हैं जिसमें बताया है कि बाजार में 99 फीसदी करेंसी वापस आ गई है।

हैदराबाद की न्यूज एप 'वे20ऑनलाइन' के एक सर्वे के मुताबिक 'सर्वे में भाग लेने वाले करीब 69 प्रतिशत लोगों ने 1000 के नोटों को वापस लाने के प्रश्न पर हां उत्तर चुना है।'

और पढ़ें: अगस्त में बढ़ी महंगाई लेकिन इंडस्ट्री ने पकड़ी रफ्तार

बता दें कि जब नोटबंदी की गई थी इस दौरान देश में रिजर्व बैंक ने 500 और 2000 हजार रुपये के नए नोट जारी किए थे। सर्वे के अनुसार करीब 62 फीसदी लोगों (जिन्होंने सर्वे में भाग लिया) को नोट बदलवाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ा था। वहीं 38 प्रतिशत लोगों को नोट बदलवाने में कोई दिक्कत नहीं गई।

इसी साल अगस्त में रिजर्व बैंक ने 200 के नोट्स मार्केट में जारी किए हैं ताकि कैश ट्रांजेक्शन में लोगों को हो रही असुविधा का निदान किया जा सके।

सर्वे में यह भी पूछा गया कि क्या 200 रुपये के नोट से ट्रांजेक्शन की परेशानी दूर होगी, इस पर करीब 67 प्रतिशत लोगों ने पॉजिटिव जवाब दिया वहीं करीब 17 प्रतिशत लोगों ने न कहा है।

और पढ़ें: अमेरिका से पीएम मोदी पर गरजे राहुल, भारत में कांग्रेस-बीजेपी आमने सामने

वहीं 62 प्रतिशत वे लोग जिन्हें ट्रांजेक्शन में खुल्ले पैसों की समस्या झेलना पड़ती है, 44 प्रतिशत लोगों ने कहा कि 200 रुपये के नोट से समस्या का निदान हो सकेगा। वहीं 10 प्रतिशत लोगों ने कहा कि एक नोट से यह गैप नहीं भरेगा।

इस कदम से केवल 8 प्रतिशत लोग ही प्रभावित नहीं हुए। शायद उन्होंने ट्रांजेक्शन के डिजिटल तरीके अपना लिए होंगे। इसलिए उन्हें कोई फर्क नहीं दिखा नए नोटों के बाजार में आने से।

Source : News Nation Bureau

INDIA modi govt Market RBI Survey Claims Noteban Rs 1000 note
Advertisment
Advertisment