दिल्ली और केंद्र सरकार की रोक के बावजूद दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में तबलीगी जमात (Tablighi Jamaat) के विदेशों से आए सैकड़ों प्रचारकों समेत कई हजार अनुयायियों के इधर-उधर होने पर कोरोना वायरस (Corona Virus) से जंग के कमजोर पड़ने की आशंका प्रबल हो गई है. दिल्ली पुलिस के बार-बार कहने पर भी मरकज खाली नहीं करने को लेकर लॉकडाउन (Lockdown) मुहिम में पलीता लगता दिख रहा है. इसके साथ ही दिल्ली तबलीगी जमात के सर्वेसर्वा मौलाना मोहम्मद साद (Maulana Saad) की निजामुद्दीन मरकज में 'फंसे' होने की सफाई भी एक वायरल ऑडियो के सामने आने के बाद अनगिनत सुराख से भरी साबित हो रही है. हालांकि दिल्ली पुलिस ने एपिडेमिक एक्ट के तहत मौलाना साद के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है. यह अलग बात है कि मौलाना साद का फिलहाल कहीं कोई अता-पता नहीं है. अपने 'बंदों' को किसी से न डरने की हिदायत देने वाला अब पुलिस की कार्रवाई के डर से भागा-भागा फिर रहा है.
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'मस्जिद से बेहतर जगह मरने के लिए नहीं'
तबलीगी जमात के मुखिया मौलाना मोहम्मद साद का एक कथित ऑडियो वायरल हुआ है, जो 'न्यूज स्टेट' के पास है. इसमें वह कह रहे हैं, 'मस्जिद से बेहतर मरने की कोई जगह नहीं है.' इसमें मरकज के मुखिया मौलाना साद कई बाते कहते सुने जा रहे हैं. इस दौरान वहां कुछ लोग मौजूद हैं जो खांस रहे हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि वह कोरोना के लक्षण कई लोगों में पहले ही दिखाई दे रहे थे जिस ओर ध्यान नहीं दिया गया. ऑडियो का कुला जमा निचोड़ यह है कि कोई भी आफत अल्लाह की ओर से अपने बंदों की परख के लिए भेजी जाती है. इस ऑडियो क्लिप में मौलाना साद कथित तौर पर कहते सुने जा रहे हैं, 'यह ख्याल बेकार है कि मस्जिद में इकट्ठा होने से बीमारी होगी. मैं कहता हूं अगर तुम्हें यह दिखे भी कि मस्जिद में आने से आदमी मर जाएगा, तो इससे बेहतर कोई जगह नहीं.'
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'70 हजार हूरें करती हैं बंदों की हिफाजत'
इस ऑडियो में मौलाना साद कुरान का जिक्र कर अपने अनुयायियों में भरोसा पैदा करने की कोशिश करते दिख रहे हैं. गंभीर बात तो यह है कि किसी आतंकवादी के ब्रेन वॉश करने की प्रक्रिया जैसे साद लॉकडाउन पर सरकारी हुक्म नहीं मानने की वकालत करते दिख रहे हैं. ऑडियो का सार यही है 70 हज़ार हूरें अल्लाह के बंदों के लिए हैं. उनकी हिफाज़त के लिए हैं. ऐसे में किसी बीमारी की आड़ में मुसलमानों में दूरियां पैदा की जा रही हैं. गर मुसलमान मुसलमान से न मिले तो जहालत होगी. इसलिए किसी बीमारी के डर से मस्जिद न आना अल्लाह पर भरोसा नहीं करने जैसा है. उन्हें मौका मिल गया है बीमारी के नाम पर मुसलमानों को एक दूसरे से दूर करने का.
HIGHLIGHTS
- निजामुद्दीन मरकज के प्रमुख मोलाना साद का ऑडिय़ो वायरल.
- लॉकडाउन को पलीता लगा मस्जिद को बता रहे मरने की बेहतर जगह.
- कहते हैं-डरो मत 70 हजार हूरें अल्लाह के बंदों की हिफाजत में हैं.