भूमि अधिनियमों में संशोधन के विरोध में संयुक्त विपक्षी दलों द्वारा शुक्रवार को दिन भर के बुलाए गए राज्यव्यापी बंद से झारखंड में सामान्य जनजीवन बुरी तरह प्रभावित रहा।पुलिस ने पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और बाबू लाल मरांडी समेत 8,000 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है।
बंद समर्थकों ने राज्य भर में जमकर उत्पात मचाया। झारखंड के कई इलाकों में हिंसा, आगजनी और मारपीट की खबरें हैं। बंद के दौरान कई गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया। राज्य के ज्यादातर हिस्सों में स्कूल, कॉलेज और दुकानें बंद रहीं। बंद का सबसे ज्यादा असर रांची में दिखा।
राज्य सरकार ने स्थिति पर नजर रखने के लिए पर्याप्त सुरक्षा इंतजाम किए थे। बंद समर्थकों की गतिविधियों पर निगरानी रखने के लिए ड्रोन्स भी तैनात किए गए थे। संयुक्त विपक्ष में झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो), झारखंड विकास मोर्चा- प्रजातांत्रिक (जेवीएम-पी), कांग्रेस, जनता दल (यूनाटेड), राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और वाम दल शामिल हैं।
झारखंड सरकार के सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन विधेयक के विरोध में विपक्षी दलों ने शुक्रवार को झारखंड बंद का ऐलान किया था। झारखंड मुक्ति मोर्चा, झारखंड विकास प्रजातांत्रिक मोर्चा, कांग्रेस, जनता दल यूनाइटेड और वाम दलों की बैठक में झारखंड बंद का फैसला लिया गया था।
झारखंड सरकार ने संथाल परगना काश्तकारी अधिनियम-1949 (एसएनटी) और छोटा नागपुर काश्तकारी अधिनियम 1908 (सीएनटी) में संशोधन किया है। संशोधन के बाद कृषि भूमि का इस्तेमाल गैर कृषि कार्यों में भी किया जा सकेगा। राज्य सरकार अब संशोधन के बाद इंफ्रास्ट्रक्चर और अन्य प्रोजेक्ट में इस्तेमाल के लिए कृषि भूमि का अधिग्रहण कर सकेगी।
संशोधन विधयेक के खिलाफ विपक्षी दलों के विधायकों ने बुधवार को विधानसभा में जबरदस्त हंगामा किया था। विपक्षी विधायकों ने स्पीकर दिनेश उरांव पर जूते और लोहे की कुरसी तक फेंक दिए थे। हालांकि स्पीकर को किसी तरह की चोट नहीं आई।
HIGHLIGHTS
- सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन विधेयक के विरोध में विपक्षी दलों ने बुलाया था झारखंड बंद
- भूमि कानून में संशोधन के बाद कृषि भूमि का इस्तेमाल गैर कृषि कार्यों में भी किया जा सकेगा
Source : News Nation Bureau