सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को राम मंदिर-बाबरी मस्जिद मामले की सुनवाई 17वें दिन शुरू हुई. आज से मुस्लिम पक्ष के वकील अपनी दलीले रख रहे हैं. हालांकि अदालत में सुनवाई शुरू होने पर सबसे पहले मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन को मिले धमकी भरे पत्र का जिक्र आया. इस पत्र में मु्स्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन को 'श्राप' दिया गया है. इसे लेकर राजीव धवन ने अवमानना याचिका दाखिल की हुई है, जिस पर सर्वोच्च न्यायलय मंगलवार को सुनवाई करेगा.
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मंगलवार को अवमानना याचिका पर सुनवाई
जानकारी के मुताबिक सोमवार को सुनवाई की शुरुआत में कपिल सिब्बल ने वकील राजीव धवन को मिले धमकी भरे पत्र का उल्लेख किया. उन्होंने इस पर जल्द सुनवाई की मांग की लेकिन मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने इस पर मंगलवार को विचार करने की बात कही. अयोध्या मामले में मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने एक 88 साल के वृद्ध प्रोफेसर षणमुगम के खिलाफ याचिका दाखिल की है, जिन्होंने मुस्लिम पक्ष की पैरवी के चलते उन्हें चिट्ठी लिख कर 'श्राप' दिया है.
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यह है मामला
88 साल के प्रोफेसर एन षणमुगम ने राजीव धवन को 14 अगस्त को चिट्ठी लिखी थी.
इस चिट्ठी में उन्होंने लिखा है, 'फरवरी 1941 से लेकर अब तक मैं 50 लाख बार गायत्री मंत्र का जाप कर चुका हूं. सितंबर 1958 से लेकर अब तक 27,000 बार गीता का दसवां अध्याय पढ़ा है. अपनी इसी जीभ से मैं भगवान के काम के रास्ते में अड़चन डालने के लिए आपको श्राप देता हूं कि आपकी जीभ बोलना बंद कर दे. आपके पैर काम करना बंद कर दें. आपकी आंखों की रोशनी चली जाए. आपके कान सुनना बंद कर दें.'
HIGHLIGHTS
88 साल के प्रोफेसर एन षणमुगम ने मुस्लिम पक्ष के पैरोकार राजीव धवन को दिया श्राप.
14 अगस्त को पत्र लिख कर भगवान के काम के रास्ते में अड़चन डालने का लगाया आरोप.
इस पर दाखिल अवमानना याचिका पर सर्वोच्च न्यायालय कल करेगा सुनवाई.