एनआईए की विशेष अदालत ने वर्ष 2013 के पटना सीरियल ब्लास्ट मामले में बुधवार को 10 में से नौ आरोपियों को दोषी करार दिया है. एक आरोपी को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया. यह विस्फोट गांधी मैदान में तत्कालीन प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी की हुंकार रैली के दौरान हुआ था. इस विस्फोट में पांच लोगों की मौत हो गई थी और 70 से अधिक घायल हो गए. रैली के दौरान छह विस्फोट रैली स्थल के आसपास हुए थे. विस्फोट के दौरान दो बम उस मंच के 150 मीटर के भीतर फटे थे जहां से मोदी ने अपना भाषण दिया था.
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रैली के दौरान सबसे आखिरी में दोपहर 12.25 बजे मोदी और भाजपा के शीर्ष नेताओं के मंच पर आने से 20 मिनट पहले फटा था. बाद में रैली स्थल के पास चार जिंदा बम बरामद हुए थे. हालांकि बिहार पुलिस ने इसे आतंकी हमला नहीं बताया था, लेकिन तब के पुलिस महानिदेशक अभयानंद ने आईईडी और टाइमर के इस्तेमाल की पुष्टि की थी. खुफिया सूत्रों ने अमोनियम नाइट्रेट, डेटोनेटर, टाइमर डिवाइस और लोहे की कील के इस्तेमाल के भी संकेत दिए थे. एनआईए ने इस मामले के कथित मास्टरमाइंड हैदर अली उर्फ 'ब्लैक ब्यूटी', तौफीक अंसारी, मोजीबुल्लाह और नुमान अंसारी को 2014 में गिरफ्तार किया था. एनआईए ने उनके सिर पर पांच लाख रुपये के नकद इनाम की घोषणा की थी.
HIGHLIGHTS
- एक आरोपी को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया
- 2013 में गांधी मैदान में हुआ था सीरियल बम ब्लास्ट
- नरेंद्र मोदी की हुंकार रैली के दौरान हुआ था यह ब्लास्ट