सीपीएम की वरिष्ठ नेता वृंदा करात ने रविवार को दावा किया कि 95 फीसदी कालाधन करेंसी के रूप में नहीं है। उन्होंने कहा, 'जिन लोगों ने अवैध तरीके से पैसे जमा किए हैं उनके खिलाफ केंद्र सरकार कार्रवाई करे।'
करात ने कहा, '90 से 95 प्रतिशत कालाधन अचल संपत्ति, पनामा पेपर्स, स्विस बैंकों और सोने के रूप में जमा है।' सीपीएम पोलित ब्यूरो की सदस्य वृंदा करात ने कहा कि ये सभी कालेधन छुपाने के रास्ते हैं। इसके बजाय मोदी सरकार अपराधियों की पहचान छुपा रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर को कालाधन पर लगाम लगाने की दलील देते हुए 500 और 1000 रुपये के नोट पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की थी। जिसके बाद देशभर में लोगों को नकदी की कमी से जूझना पड़ रहा है।
विपक्षी दलों ने नोटबंदी के बाद हुए लोगों की परेशानियों को मुद्दा बनाते हुए केंद्र सरकार के फैसले का विरोध किया है। कांग्रेस, सीपीआई (एम), सपा, बसपा, आप सहित कई दलों ने 28 नवंबर को सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने का फैसला किया है।
वृंदा करात ने कहा कि नोटबंदी पूरी तरह से गलत योजना है। उन्होंने कहा पीएम को नोटबंदी का फैसला वापस लेना चाहिए।
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HIGHLIGHTS
- करीब 95% कालाधन अचल संपत्ति, स्विस बैंकों और सोने के रूप में जमा है: करात
- पीएम को नोटबंदी का फैसला वापस लेना चाहिए:
- वृंदा करात ने कहा, विपक्षी दलों ने 28 नवंबर को बुलाया है बंद
Source : News Nation Bureau