असम : हिसा में जिंदा बचे व्यक्ति ने बताया कैसे आतंकियों ने मचाया तांडव

तिनसुकिया जिले के खेराईबेरी में गुरुवार शाम हुई इस जघन्य घटना में सिर्फ नामशूद्र ही जिंदा बचे हैं.

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kunal kaushal
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असम : हिसा में जिंदा बचे व्यक्ति ने बताया कैसे आतंकियों ने मचाया तांडव
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असम के तिनसुकिया जिले में पांच लोगों की हत्या किए जाने के अगले दिन सहदेव नामशूद्र ने उस समय की भयावहता को याद किया, जब गुरुवार को कथित उग्रवादियों ने पांच नागरिकों की गोली मारकर हत्या कर दी थी. तिनसुकिया जिले के खेराईबेरी में गुरुवार शाम हुई इस जघन्य घटना में सिर्फ नामशूद्र ही जिंदा बचे हैं. नरसंहार में चमत्कारिक रूप से बच गए नामशूद्र ने कहा, 'शाम लगभग 7.45 बजे सेना की वर्दी में कुछ लोग हमारी दुकान पर आए. उन्होंने हमें बाहर बुलाया और पास में ले गए. उन्होंने हमें कतार में खड़े होने को बोला और कहा कि वे हमसे कुछ पूछना चाहते हैं.'

उन्होंने कहा, 'हमें कतार में खड़े होना था. अचानक मुझे गोली चलने की आवाज सुनाई दी. मैं वहीं एक गड्ढे में कूद गया. वहां कुछ धुंआ था और मुझे बंदूक चलने की कुछ और आवाजें सुनाई दीं. वहां चीख-पुकार मच गई. मैं 10 मिनट तक वहां अंधेरे में पड़ा रहा.'

उन्होंने कहा, 'वहां मैंने जब अपने समूह के अन्य लोगों को ढूंढ़ा, तो मुझे वहा जमीन पर किसी को पड़ा देखा.'

नामशूद्र ने कहा, 'मैं अपने घर की तरफ भागा. मैंने सिर्फ अन्य पांच लोगों के रक्तरंजित शवों को तलाशने के लिए अन्य लोगों को बुलाया.' उनके अनुसार, वे उग्रवादी थे और असमी भाषा में बातें कर रहे थे.

उन्होंने कहा, 'लेकिन हमारे सामने उन्होंने हिंदी में बात की. मैं कतार की दूसरी तरफ कूदने के कारण बच गया. वहां अंधेरा था वे शायद मुझे कूदते हुए नहीं देख सके.'

शुक्रवार को उग्रवादी संगठन उल्फा ने इस हमले की जिम्मेदारी लेने से इंकार कर दिया. तिनसुकिया जिले में बंगाली हिंदू संगठनों ने इसके खिलाफ शुक्रवार को 'बंद' का आह्वान कर रखा है.

Source : News Nation Bureau

ABYSS All Assam Bengali Youth Students Federation
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