राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) देश में सामाजिक सद्भाव बढ़ाने और नागरिकों में देशभक्ति का भाव जगाने का सतत प्रयास कर रहा है। देश के अलग-अलग मुद्दों पर भी संघ की स्पष्ट राय का असर देखने को अकसर मिलता रहता है। देश में सांप्रदायिक सौहार्द बढ़ाने के इसी क्रम में लिए देश के मुस्लिम बुद्धिजीवियों के एक समूह ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहनराव भागवत से मुलाक़ात की। संघ प्रमुख मोहनराव भागवत से सांप्रदायिक सौहार्द की भावना को प्रबल करने के लिए मिलने वाली शख़्सियतों में पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी और दिल्ली के पूर्व उपराज्यपाल नजीब जंग सहित मुस्लिम बुद्धिजीवियों के एक समूह ने मुलाकात की थी। सुत्रों का कहना है कि इस बैठक में पूर्व सांसद शाहिद सिद्दीकी और परोपकारी सईद शेरवानी के साथ-साथ अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) जमीरुद्दीन शाह भी मौजूद रहें।
ज्ञानवापी की सुनवाई के चलते महत्वपूर्ण है बैठक
सूत्रों के अनुसार संघ प्रमुख के साथ हुई ये बैठक इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इन दिनों ज्ञानावापी मस्जिद मामले पर सुनवाई चल रही है लिहाज़ा देश में किसी भी प्रकार की हिंसा को किसी भी पक्ष की तरफ से बढ़ावा न मिल सके इसलिए बैठक में सांप्रदायिक सद्भाव को मजबूत करने पर चर्चा हुई। आपको बता दें कि यह बैठक संघ अस्थायी कार्यालय उदासीन आश्रम में बंद कमरे में हुई। साथ ही इस बैठक में हिंदु-मुस्लिम दोनों समुदायों के बीच आपसी संबंधों को बेहतर करने पर भी चर्चा हुई।
देश की तरक्की के लिए मिलकर करें काम
आपको बता दें कि बैठक में इस बात पर जोर दिया गया कि बिना सुलह और सांप्रदायिक सद्भाव को मजबूत किए बिना देश तरक्की की राह पर आगे नहीं बढ़ सकता। दोनों समुदाय वर्षों से यहां रहते आए हैं और भारत की मजबूती के लिए एक होकर काम करना होगा। संघ प्रमुख के साथ हुई इस बैठक में सांप्रदायिक सद्भाव और समुदायों के बीच मतभेदों और आपसी गलतफहमियों को दूर करने की आवश्यकता है इस पर दोनों ओर से समर्थन और सहयोग की बात कही गई। इसके लिए आगामी योजना भी तैयार कर ली गई है।
लगातार मुस्लिमों से संपर्क में करता रहा है संघ
गौरतलब है कि आरएसएस की ओर से हाल के दिनों में लगातार बुद्धिजीवी और समाजसेवी मुसलमानों से संपर्क बढ़ाया है और संघ प्रमुख मोहराव भागवत ने मुस्लिम समुदाय के अहम और प्रभावी नेताओं के साथ कई बैठकें की हैं। इतना ही नहीं संघ प्रमुख ने बीते वर्ष भी मुंबई के एक होटल में मुस्लिम बुद्धिजीवियों के एक समूह के साथ मुलाकात की थी। तीन साल पहले सितंबर 2019 में भागवत ने दिल्ली में आरएसएस कार्यालय झंडेवालान में जमीयत उलेमा-ए-हिंद के प्रमुख मौलाना सैयद अरशद मदनी से भी मुलाकात की थी और हिंदू-मुस्लिम एकता, मॉब लिंचिंग की घटनाओं समेत कई मुद्दों पर चर्चा की थी।
Source : Arun Kumar