दिल्ली में एक मुस्लिम महिला तुरंत तीन तलाक के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची है. महिला ने बताया है कि उसको दहेज के लिए प्रताड़ित किया जा रहा था. जब उसने इस बात का विरोध किया तो उसे तत्काल तीन तलाक बोलकर घर से निकाल दिया गया. अब महिला तत्काल तीन तलाक के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जा पहुंची है. भारतीय मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक के चलते आए दिन दुश्वारियां झेलनी पड़ती थी. जिसके बाद सरकार ने ट्रिपल तलाक के खिलाफ कानून बनाया.
आपको बता दें कि भारत में सुप्रीम कोर्ट ने तीन तलाक को गैरकानूनी करार दिया था और इस पर सरकार को कानून बनाने को कहा है जिसके बाद भारतीय संसद में जब ट्रिपल तलाक बिल पेश हुआ तो लोकसभा में तो यह बिल पास हो गया लेकिन राज्यसभा में इसे रोक दिया गया जिसके बाद सरकार ने अध्यादेश जारी कर इसे राष्ट्रपति के पास भेजा और उन्होंने इस बिल पर हस्ताक्षर कर दिए. भारतीय मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक को रोकने के लिए बहुत ही लंबा इंतजार करना पड़ा जबकि दुनिया के तमाम देशों में काफी पहले से ही तीन तलाक पर बैन लग चुका है.
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ट्रिपल तलाक को रोकने की कैसे हुई शुरुआत
उतराखंड की शायरा बानो ने मार्च, 2016 में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करके तीन तलाक, हलाला निकाह और बहु-विवाह की व्यवस्था को असंवैधानिक घोषित किए जाने की मांग की थी. बानो ने मुस्लिम पर्सनल लॉ (शरीयत) एप्लीकेशन कानून 1937 की धारा 2 की संवैधानिकता को चुनौती दी है. कोर्ट में दाखिल याचिका में शायरा ने कहा है कि मुस्लिम महिलाओं के हाथ बंधे होते हैं और उन पर तलाक की तलवार लटकती रहती है. वहीं पति के पास निर्विवाद रूप से अधिकार होते हैं. यह भेदभाव और असमानता एकतरफा तीन बार तलाक के तौर पर सामने आती है.
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HIGHLIGHTS
- ट्रिपल तलाक को लेकर मुस्लिम महिला पहुंची सुप्रीम कोर्ट
- दहेज प्रताड़ना के चलते पति ने दिया ट्रिपल तलाक
- अब गैर कानूनी है ट्रिपल तलाक
Source : News Nation Bureau