सुप्रीम कोर्ट में सोनिया, राहुल और कांग्रेस पार्टी के खिलाफ याचिका दायर की गई है. याचिका में 2008 में राहुल गांधी और कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना के बीच समझौते की NIA जांच की मांग की गई है. कोर्ट में दायर की गई याचिका में कहा गया है कि 2008 में यूपीए के सत्ता में रहते हुए कांग्रेस पार्टी और कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना के बीच समझौता किया गया था.
यह भी पढ़ें- मध्य प्रदेश में आंगनवाड़ी केंद्रों पर नजर रखने में एप बना मददगार
इसकी NIA जांच की मांग को लेकर SC याचिका दायर की गई है. 2008 में, कांग्रेस के तत्कालीन महासचिव राहुल गांधी और पार्टी के तत्कालीन वरिष्ठ पदाधिकारी एवं चीन के मौजूदा राष्ट्रपति, शी जिनपिंग ने समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए थे.
यह भी पढ़ें- Vodafone Idea का नया ऑफर, ये प्लान्स लेंगे तो मिलेगा 5 GB डेटा फ्री
दोनों पार्टियों ने महत्त्वपूर्ण क्षेत्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर एक दूसरे से परामर्श लेने और उच्च स्तरीय संपर्क को सुलभ बनाने के लिए 2008 में इस समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे. अर्जी में यह भी कहा गया है कि पार्टी ने इस समझौते की बारीकियों से देश को अंधेरे में रखा. राष्ट्रहित से जुड़ी जानकारी भी सार्वजनिक नहीं हुई. लिहाजा NIA जांच ज़रूरी है.
जेपी नड्डा ने उठाया था सवाल
मंगलवार को जेपी नड्डा में अपने ट्वीट में लिखा कि सबसे पहले कांग्रेस पार्टी ने चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के साथ MoU साइन किया. फिर कांग्रेस ने चीम के सामने जमीन सरेंडर कर दी और जब डोकलाम हुआ तो राहुल गांधी चीनी दूतावास में मुलाकात के लिए गए. और आज तनाव के माहौल में राहुल गांधी देश बांटने की बात कर रहे हैं. बीजेपी अध्यक्ष ने यह भी आरोप लगाया कि राहुल गांधी सेना का मनोबल गिरा रहे हैं.
आपको बता दें कि 2008 में बीजिंग ओलंपिक के दौरान UPA चेयरपर्सन सोनिया गांधी, कांग्रेस नेता राहुल गांधी चीन गए थे. तब कांग्रेस पार्टी और कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना के बीच समझौता हुआ था. ये समझौता शी जिनपिंग की मौजूदगी में हुआ था.
Source : News Nation Bureau