मुफ्त की सरकारी योजनाओं के बचाव में आम आदमी पार्टी भी सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है. मामले में खुद को भी पक्षकार बनाए जाने की मांग की है. इस तरह की घोषणाओं को राजनीतिक पार्टियों का लोकतांत्रिक और संवैधानिक अधिकार बताया. याचिकाकर्ता एडवोकेट अश्वनी उपाध्याय को बीजेपी सदस्य बताते हुए उनकी मंशा पर भी सवाल उठाए. इससे पहले दिल्ली में मुफ्त सुविधाओं के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर हुई थी, जो अर्थशास्त्री एडवोकेट विजय सरदाना की ओर से दाखिल है.
दिल्ली में सरकारी विभागों का बढ़ रहा घाटा
विजय सरदाना की ओर से दाखिल याचिका के मुताबिक, आज देश में नागरिक सुविधाओं की हालत बेहद खस्ता है, फिर भी टैक्स का इस्तेमाल राजनीतिक पार्टी अपने सियासी लाभ के लिए कर रही हैं. यह बेहद चिंता का विषय है, दिल्ली जैसे शहर में फ्री में बस टिकट बांटे जा रहे हैं. फ्री बिजली और फ्री टिकट के चलते DTC और विद्युत निगम का घाटा 37 हज़ार करोड़ तक पहुंच गया है. इसी पर एडवोकेट अश्वनी उपाध्याय की याचिका पहले से दाखिल है, जिस पर 11 अगस्त को सुनवाई है. ऐसे में आम आदमी पार्टी ने मुफ़्त सुविधाओं के पक्ष में याचिका दायर कर दी है. उनका भी पक्ष सुने जाने की मांग की है.
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आप ने की याचिका खारिज करने की मांग
आम आदमी पार्टी ने मुफ्त की घोषणा करने वाली पार्टियों की मान्यता रदद् करने की याचिका खारिज करने की मांग की है. उनकी दलील है कि मुफ़्त पानी,बिजली,ट्रांसपोर्ट जैसी सुविधाएं देना सरकार की जिम्मेदारी है. खासकर उस समाज में, जहां आर्थिक असमानता इतनी ज्यादा है कि आम आदमी अपनी जरूरत की चीजों की व्यवस्था नहीं कर पाता.
HIGHLIGHTS
- आम आदमी पार्टी पहुंची सुप्रीम कोर्ट
- दिल्ली में कई मुफ्त सुविधाएं देती है सरकार
- आप की दलील-असमान समाज में ये जरूरी चीजें