आम आदमी पार्टी (आप) के 20 विधायकों को दिल्ली HC (उच्च न्यायालय) द्वारा राहत देने के मामले में चुनाव आयोग ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि आयोग ने सभी विधायकों को व्यक्तिगत तरीके से लिखित नोटिस में उनसे जवाब मांगा गया था।
उन्होंने कहा, '28 सितम्बर और 2 नवम्बर को आप के 20 विधायकों (जिन्हें अयोग्य करार दिया गया था) को व्यक्तिगत तरीके से लिखित नोटिस भेजकर जवाब मांगा गया था। विधायकों को इस बारे में लिखित में जवाब देना चाहिए था लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया।'
वहीं मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने कोर्ट के फ़ैसले पर कहा, 'आयोग कोर्ट के फ़ैसले पर कुछ नहीं कहेगा। हमलोग पहले कोर्ट के आदेश को ठीक से पढ़ेंगे, फिर उसमें जो भी कहा गया है उसका पालन किया जाएगा।'
वहीं HC से राहत मिलने के बाद सभी विधायक मुख्यमंत्री केजरीवाल और उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया से मिलने ऑफ़िस पहुंचे और विक्टरी साइन दिखाकर ख़ुशी ज़ाहिर की।
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बता दें कि शुक्रवार को दिल्ली HC ने बड़ी राहत देते हुए लाभ का पद मामले में सत्तारूढ़ पार्टी के 20 विधायकों को अयोग्य करार दिए जाने की चुनाव आयोग की सिफारिश को रद्द कर दिया।
अदालत ने चुनाव आयोग से मामले की नए सिरे से सुनवाई करने को कहा क्योंकि चुनाव आयोग द्वारा उन्हें अयोग्य करार दिए जाने से पहले विधायकों की उचित तरीके से सुनवाई नहीं की गई थी। मामले को पुनर्विचार के लिए निर्वाचन आयोग के पास वापस भेजा दिया गया है।
विधायकों को लाभ का पद ग्रहण करने के लिए अयोग्य करार दिया गया था। विधायक संसदीय सचिव के तौर पर नियुक्त किए गए थे।
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Source : News Nation Bureau