आम आदमी पार्टी से निकाले गए नेता कपिल मिश्रा की माने तो चुनाव आयोग ने जिन 20 सीटों के विधायकों को अयोग्य ठहराने की सिफ़ारिश की है वहां पर अगर अभी चुनाव हुआ तो पार्टी को ज़्यादातर सीट पर हार का सामना करना पड़ सकता है।
दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री कपिल मिश्रा ने बताया है कि है ये पार्टी का आंतरिक सर्वे है।
सर्वे के मुताबिक चांदनी चौक से विधायक अलका लांबा की सीट पर अगर अभी चुनाव हुआ तो आप को हार का मुंह देखना पड़ेगा। लोगों का आरोप है कि अलका लांबा अपने क्षेत्र में नदारद रहती है इसलिए पार्टी इस सीट पर अपने उम्मीदवार को बदलने पर भी विचार कर रही है।
वहीं विधायक जरनैल सिंह के बारे में दावा किया गया है कि वो अपने क्षेत्र तिलक नगर में सिख समुदाय के बीच अपनी प्रसिद्धी बनाने में नाकामयाब साबित हुए हैं। इसके अलावा उनकी छवि भी सवालों के घेरे में है। बता दें कि जरनैल सिंह संजय सिंह के करीबी हैं, ऐसे में उन्हें टिकट मिलेगा या कटेगा कहना मुश्किल है।
इसके अलावा द्वारका विधानसभा सीट से विधायक आदर्श शास्त्री, गांधीनगर सीट से विधायक अनिल बाजपेयी, कालकाजी सीटसे विधायक अवतार सिंह, नजफगढ़ सीट से विधायक कैलाश गहलोत, कस्तूरबा नगर सीट से विधायक मदन लाल, कोंडली विधानसभा सीट से विधायक मनोज कुमार, महरौली सीट से विधायक नरेश यादव, लक्ष्मी नगर सीट से विधायक नितिन त्यागी (मनीष सिसोदिया के करीबी), जंगपुरा सीट, वजीरपुर सीट से विधायक राजेश गुप्ता, जनकपुरी सीट से विधायक राजेश ऋषि (कुमार विश्वास के करीबी), बुराड़ी सीट से विधायक संजीव झा, रोहतास नगर सीट से मौजूदा विधायक सरिता सिंह (कुमार विश्वास की करीबी), सदर बाजार सीट से विधायक सोम दत्त, नरेला सीट से विधायक शरद कुमार, मोती नगर सीट से विधायक शिवचरण गोयल, मुंडका सीट से विधायक सुखबीर सिंह, राजेंद्र नगर सीट से विधायक विजेंद्र गर्ग इन तमाम सीटों पर उम्मीदवारों को बदलने की बात चल रही है।
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आप इस मामले में कई सीट पर कांग्रेस नेताओं से भी संपर्क में है जो इन विधायकों की जगह चुनाव लड़ सकती है।
बता दें कि कपिल मिश्रा ने दावा किया है कि ये सर्वे आम आदमी पार्टी ने कराया है। इन सभी सीटों पर मौजूदा विधायक लाभ का पद मामले में संकट में हैं। निर्वाचन आयोग ने शुक्रवार को संसदीय सचिव के रूप में लाभ के पद धारण करने के लिए आप के 20 विधायकों को अयोग्य घोषित किए जाने की सिफारिश की थी।
कांग्रेस ने जून 2016 में इन विधायकों के खिलाफ शिकायत की थी जिस पर निर्वाचन आयोग ने राष्ट्रपति को अपनी राय दी है।
कांग्रेस के आवेदन में कहा गया था कि जरनैल सिंह (राजौरी गार्डन से विधायक जिन्होंने पंजाब विधानसभा का चुनाव लड़ने के लिए बाद में दिल्ली विधानसभा से इस्तीफा दे दिया था) सहित आम आदमी पार्टी के 21 विधायकों को दिल्ली सरकार के मंत्रियों का संसदीय सचिव नियुक्त किया गया है जो कि संविधान का उल्लंघन है।
संविधान के अनुसार, राष्ट्रपति को निर्वाचन आयोग की सिफारिश के आधार पर कार्रवाई करना होता है।
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Source : News Nation Bureau