दिल्ली के रामलीला मैदान का नाम बदलकर अटल बिहारी वाजपेयी मैदान रखे जाने की ख़बर मीडिया में आते ही राजनीतिक बयानबाजी तेज़ हो गई है। हालांकि बीजेपी ने विरोध बढ़ता देख साफ़ कर दिया है कि मैदान का नाम बदलने का कोई इरादा नहीं है। उत्तरी दिल्ली नगर निगम (एनडीएमसी) ने शनिवार को यह साफ किया है रामलीला मैदान का नाम पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर करने का कोई प्रस्ताव नहीं है। दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी ने भी दावा किया कि रामलीला मैदान का नाम बदलने का कोई प्रस्ताव नहीं है।
नाम बदले जाने की खबर को खारिज करते हुए उत्तरी दिल्ली नगर निगम के मेयर आदेश गुप्ता ने कहा कि इस तरह का कोई प्रस्ताव नहीं है। उन्होंने कहा, 'रामलीला मैदान का नामकरण वाजपेयीजी के नाम पर करने का कोई प्रस्ताव नहीं है। इस तरह की सभी खबरें गलत हैं।'
वहीं दिल्ली बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा, 'हमलोग भगवान राम की पूजा करते हैं इसलिए रामलीला मैदान का नाम बदलने का कोई सवाल ही नहीं उठता। अगर किसी ने ऐसा कुछ कहा है तो इसका मतलब यह नहीं कि हमलोग ऐसा करने जा रहे हैं।'
इससे पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को कहा कि रामलीला मैदान का नाम बदलने से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को वोट नहीं मिलेंगे, लेकिन प्रधानमंत्री का नाम बदलने से पार्टी को शायद कुछ वोट मिल जाए। केजरीवाल ने ट्विटर पर एक न्यूज चैनल द्वारा किए गए ट्वीट को साझा किया, जिसमें कहा गया है कि दिल्ली के रामलीला मैदान का नाम बदलकर अटल बिहारी वाजपेयी मैदान रखा जाएगा और उत्तरी दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) में 30 अगस्त को इस प्रस्ताव पर चर्चा होगी।
आम आदमी पार्टी (आप) के नेता ने कहा कि इस तरह के कदम से भारतीय जनता पार्टी को वोट नहीं मिलेंगे।
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उन्होंने कहा, 'इसके बजाय, बीजेपी को प्रधानमंत्री का नाम बदलने की कोशिश करनी चाहिए। तब शायद कुछ वोट मिल जाएं, क्योंकि अब उनके नाम (नरेंद्र मोदी) पर तो लोग वोट नहीं दे रहे।'
Source : News Nation Bureau