इलाहाबाद हाई कोर्ट ने आरुषि हत्याकांड मामले में तलवार दंपती को बरी करते वक्त ज़िला अदालत को कड़ी फटकार लगाई।
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा, 'ऐसा लगता है कि मानो जज को कानून के बुनियादी नियमों की जानकारी तक नहीं थी, इसी वजह से उन्होंने कई सारे तथ्यों को खुद ही मानकर फैसला दे दिया जो कि थे ही नहीं।'
उच्च अदालत ने कहा, 'ट्रायल जज एक गणित के टीचर की तरह व्यवहार नहीं कर सकता।'
हाई कोर्ट ने कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा, 'ट्रायल जज ने L-32 में जो हुआ उसे एक फिल्म निर्देशक की तरह सोच लिया। कानून के बुनियादी नियम को जज ने फॉलो नहीं किया।'
हाई कोर्ट ने कहा कि ऐसा लगता है कि ट्रायल जज अपनी कानूनी जिम्मेदारियों से अनभिज्ञ हैं।
CBI के पूर्व डायरेक्टर ने कहा- आरुषि केस में तलवार दंपती को मिला संदेह का लाभ, क्लीन चिट नहीं
अपने फैसले में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा, 'घटनाक्रम की कड़ियाँ आपस में नही जुड़ती है। शक , कितना भी गहरा क्यों न हो, वो कभी भी सबूत की जगह नही ले सकता।'
आरुषि-हेमराज हत्याकांड में अपना फैसला सुनाते वक्त हाई कोर्ट ने कहा, 'तलवार दम्पति का आरोप साबित करने के लिए पुख़्ता सबूत नहीं। निचली अदालत के जज ने अपने फैसले में गलती की है।'
साथ ही इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सीबीआई की इस थ्योरी को भी नकार दिया, कि उस रात किसी बाहरी व्यक्ति के घर में अंदर एंट्री को लेकर कोई सबूत नहीं है, लिहाजा गुनाह को अंजाम तलवार दम्पति ने ही दिया है।
कोर्ट ने अपने फैसले में कहा, 'इस सम्भावना से इंकार नहीं किया जा सकता है कि उस रात हेमराज के अलावा किसी और शख़्स की भी एंट्री हुई हो।' इससे सीबीआई की यह थ्योरी अपने आप में ही कट जाती है कि तलवार दंपती ने ही गुनाह को अंजाम दिया हो।
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HIGHLIGHTS
- इलाहाबाद HC ने आरुषि हत्याकांड में निचली अदालत को फैसले पर लगाई कड़ी फटकार
- हाई कोर्ट ने कहा अदालत फिल्म निर्देशक या गणित टीचर जैसा व्यवहार नहीं कर सकती
- इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा 'ऐसा लगता है ट्रायल जज अपनी कानूनी जिम्मेदारियों से अनभिज्ञ हैं'
Source : News Nation Bureau