आरुषि हत्याकांड मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई (केंद्रीय जांच ब्यूरो) की अपील को स्वीकार कर लिया है। सीबीआई ने राजेश तलवार और नुपूर तलवार को बरी किए जाने को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली एक बेंच ने कहा कि सीबीआई की अपील पर हेमराज की पत्नी की लंबित याचिका के साथ सुनवाई करेगी। हेमराज की पत्नी ने भी इलाहाबाद हाई कोर्ट के द्वारा पिछले साल 12 अक्टूबर को तलवार दंपत्ति को बरी किए जाने के फैसले को चुनौती दी थी।
बता दें कि पिछले साल 12 अक्टूबर को इलाहाबाद हाई कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस बी के नारायण और न्यायमूर्ति ए के मिश्रा ने तलवार दंपति को संदेह का लाभ देते हुए उनकी 14 वर्षीय बेटी और नौकर हेमराज की हत्या में बरी कर दिया था। दोनों की हत्या नोएडा के जलवायु विहार इलाके में 16 मई 2008 को हुई थी।
इलाहबाद हाई कोर्ट ने गाजियाबाद की सीबीआई अदालत का 26 नवंबर 2013 को तलवार दंपति को उम्रकैद का फैसला सुनाने के फैसले को पलट दिया था और तलवार दंपति को रिहा करने के आदेश दिए थे।
उल्लेखनीय है कि आरुषि की उसकी बेडरूम में हत्या कर दी गई थी, पहले इस हत्या का शक नौकर हेमराज पर था। बाद में, घर की छत पर हेमराज का शव भी पाया गया था।
उत्तर प्रदेश पुलिस ने राजेश तलवार पर उसकी बेटी की हत्या का आरोप लगाया था। राजेश तलवार को 23 मई 2008 को गिरफ्तार किया गया था।
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बाद में 31 मई 2008 को सीबीआई ने इस मामले को अपने हाथ में ले लिया था और शुरुआत में आरुषि के माता-पिता को बरी कर दिया, फिर बाद में दोनों को हत्याओं के लिए इन्हें दोषी ठहराया।
13 जून 2008 को राजेश तलवार के कंपाउंडर कृष्णा को गिरफ्तार किया गया था। 10 दिन बाद, तलवार के दोस्त के नौकर राज कुमार और विजय मंडल को गिरफ्तार किया गया। सबूत नहीं मिलने के बाद तीनों को रिहा कर दिया गया था
Source : News Nation Bureau