आरुषि और हेमराज हत्याकांड मामले में सबूतों के अभाव में बरी हुए राजेश और नूपुर तलवार हर 15 दिन में गाजियाबाद के डासना जेल जाकर उन कैदी मरीदों को देखेंगे जो दांत की समस्या से पीड़ित हैं।
जेल अधिकारियों ने यह जानकारी दी। तलवार दंपति पेशे से दंत चिकित्सक हैं। जेल प्रशासन ने ही उनसे ये गुजारिश की थी कि वो जेल के मरीजों का ट्रीटमेंट करने जेल आया करें जिस पर तलवार दंपती ने हामी भरी है।
दोनों आजीवन कारावस की सजा के तहत नवंबर-2013 से डासना जेल में बंद थे। जेल अधिकारियों के मुताबिक तलवार दंपति ने जेल में रहने के दौरान कैदियों को मिलने वाला रोजना 40 रूपए मेहनताना भी नहीं लिया है।
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एक जेल अधिकारी ने बताया कि तलवार दंपति ने लगभग निष्क्रिय हो चुके डेंटल विभाग को फिर से शुरू करने का काम किया।
जेल के डॉक्टर सुनील त्यागी ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को बताया, 'हम उनकी रिहाई के बाद से अपने डेंटल विभाग को लेक चिंतित थे। उन्होंने भरोसा दिया है कि वे रिहाई के बाद भी हर 15 दिन में यहां आते रहेंगे।'
इस बीच माना जा रहा है कि जेल प्रशासन नूपुर और राजेश तलवार के जेल में रहने के दौरान उनके कामकाज और व्यवहार के हिसाब से उनको अच्छा ग्रेड देने की तैयारी कर रहे है।
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आपको बता दे इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आरुषि-हेमराज हत्याकांड के मामले में निचली अदालत के फैसले को पलटते हुए कहा था कि तलवार दंपति ने अपनी बेटी आरुषि की हत्या नहीं की है।
अदालत ने कहा कि माता-पिता को सिर्फ इसलिए दोषी नहीं ठहराया जा सकता, क्योंकि वह घटना की रात घर में मौजूद थे। उन्हें इस मामले से बरी किया जाता है।न्यायमूर्ति बीके नारायण और न्यायमूर्ति अरविंद कुमार मिश्र की खंडपीठ ने जांच एजेंसी की जांच में कई खामियां पाई।
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HIGHLIGHTS
- इलाहाबाद हाई कोर्ट ने तलवार दंपति को आरुषि और हेमराज की हत्या के आरोप से किया था बरी
- नवंबर-2013 से जेल में बंद थे तलवार दंपति, जेल के डेंटल विभाग का संभालते थे काम
- तलवार दंपति ने रोज मिलने वाले मेहनताना को भी नहीं लिया
Source : News Nation Bureau