देश में जारी लॉकडाउन के चलते अर्थव्यवस्था की रफ्तार काफी ज्यादा थम गई है. ऐसे में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आज नोवेल विजेताअभिजीत बनर्जी से खास बात की.राहुल गांधी से बात करते हुए अभिजीत बनर्जी ने कहा, यूपीए सरकार ने काफी अच्छी नीतियां लागू की थी जो सरकार अब नहीं कर रही है. उन्होंने कहा, यूपीए सरकार ने जैसी योजनाओं को लागू किया, इस सरकार ने उस पर ही काम किया.
जब राहुल गांधी ने कहा कि आज कैश की दिक्कत होगी, बैंक के सामने कई चुनौतियां होंगी और नौकरी बचाना मुश्किल होगा को इस पर अभिजीत बनर्जी ने कहा कि ये सच होने जा रहा है ऐसे देश को आर्थिक पैकेज की जरूरत है. उन्होंने कहा, आज अमेरिका-जापान ने ये लागू किया है लेकिन हमारे यहां नहीं हुआ. छोटे उद्योगों की मदद करनी चाहिए, इस तिमाही का ऋण भुगतान खत्म कर देना चाहिए. उन्होंने कहा जहां कारोबार ठप है वहां आर्थिक मदद की ज्यादा जरूरत है.
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A conversation with Nobel Laureate, Abhijit Banerjee on the economic impact of the COVID19 crisis. https://t.co/dUrok8Wm3Q
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) May 5, 2020
अभिजीत बनर्जी ने कहा, भारत में अभी मांग की परेशानी है. किसी के पास पैसे नहीं है तो कोई कुछ खरीद ही नहीं रहा. ऐसे में लोगों को आर्थिक मदद देने में बिल्कुल भी देरी नहीं करनी चाहिए. राहुल गांधी ने कहा कि लॉकडाउन से बाहर आना काफी जरूरी है लेकिन उसके बाद भी एक प्लान होना चाहिए नहीं तो सारा पैसा बेकार है. इस पर अभिजीत ने कहा, हमें महामारी के बारे में पता होना चाहिए, लॉकडाउन को बढ़ाने से कुछ नहीं होगा.
राहुल गांधी ने कहा कि आज देश में राशन कार्ड काफी कम है और लोगों के पास खाना नहीं है. इस पर अभिजीत ने कहा, हम इस पर पहले भी सलाह दे चुके हैं कि सरकार को अभी राशन कार्ड जारी करने चाहिए जो कम से कम चीन महीने के लिए काम करे और लोगों को राशन मुफ्त मिल सके. केंद्र को गरीबों के लिए नई योजना लानी चाहिए वहीं राज्यों और जिला अधिकारियों को उन्हें सीधा लाभ पहुंचाने का प्रयास करना चाहिए.
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रघुराम राजन ने क्या कहा था?
इससे पहले राहुल गांधी ने जाने-माने अर्थशास्त्री और भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन से बात की थी. उन्होंने कहा था कि कोविड-19 संकट के दौरान देश में गरीबों की मदद के लिए 65,000 करोड़ रुपये की जरूरत होगी. हम उसका प्रबंध कर सकते क्योंकि हमारी अर्थव्यवस्था 200 लाख करोड़ रुपये की है. रघुराम राजन ने गुरुवार को कहा कि लॉकडाउन (बंद) हमेशा के लिए जारी नहीं रखा जा सकता और अब आर्थिक गतिविधियों को खोलने की जरूरत है ताकि लोग अपना काम-धंधा फिर शुरू कर सकें. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि यह कदम सावधानी पूर्वक उठाया जाना चाहिए. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से संवाद में उन्होंने कहा कि भारत एक गरीब देश है और संसाधन कम हैं. इसलिए हम ज्यादा लंबे समय तक लोगों को बैठाकर खिला नहीं सकते.
कोविड-19 से निपटने के लिए भारत जो भी कदम उठाएगा, उसके लिए बजट की एक सीमा है. हालांकि गांधी ने राजन से जब किसानों और प्रवासी श्रमिकों की समस्या पर सवाल किया तो राजन ने कहा कि यही वह क्षेत्र हैं जहां हमें अपनी प्रत्यक्ष लाभ अंतरण योजना का फायदा उठाना चाहिए. हमें संकट में पड़े किसानों और मजदूरों की मदद के लिए इस प्रणाली का उपयोग करना चाहिए.