आज पूरे हिंदुस्तान की निगाहें वाघा बॉर्डर पर हैं. अपना जांबाज पायलट विंग कमांडर अभिनंदन आने वाला है. भारत ने आंखें तरेरी तो पाकिस्तान की घिग्घी बंध गई. पाकिस्तान के PM इमरान खान को 30 घंटे के भीतर ही ऐलान करना पड़ा कि भारतीय पायलट को बिना शर्त रिहा किया जाएगा. यह वही पाकिस्तान है जिसने करगिल युद्ध के दौरान 26 वर्षीय फ्लाइट लेफ्टिनेंट के. नचिकेता को 8 दिन बाद छोड़ा था. लेकिन आज का हिन्दुस्तान 20 साल पहले जैसा नहीं रहा. अटलजी की सरकार को जिस काम को करने में 8 दिन लग गए उसे नरेंद्र मोदी की सरकार ने 30 घंटे में ही कर दिखाया.
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यह नरेंद्र मोदी की कूटनीति का नतीजा है कि पाकिस्तान विंग कमांडर अभिनंदन को बिना शर्त रिहा कर रहा है. आज विंग कमांडर अभिनंदन की वतन वापसी हो रही है. पाकिस्तान को चेतावनी भरे लहजे भारत ने कहा था कि अगर पायलट को कुछ हुआ, तो वो एक्शन के लिए तैयार रहे.
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हालांकि, विंग कमांडर अभिनंदन की रिहाई का एलान करने से पहले पाकिस्तान ने जमकर सौदेबाजी का संकेत दिया था. पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता डॉक्टर मुहम्मद फैजल ने कहा था कि पाकिस्तान के कब्जे में भारतीय पायलट सुरक्षित और स्वस्थ है. भारत ने हमसे पायलट का मुद्दा उठाया था. कुछ दिनों में हम फैसला करेंगे कि कौन सी संधि उस पर लागू होगी और भारतीय पॉयलट को युद्धबंदी दर्जा दिया जाए या नहीं.
बता दें कि 14 फरवरी को पुलवामा में हुए आत्मघाती आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे. इसी के 13 दिन बाद जवाबी कार्रवाई करते हुए भारत ने पाकिस्तान के अंदर घुसकर एयर स्ट्राइक की. जैश के आतंकी अड्डों को ध्वस्त कर दिया. इसके बाद पाकिस्तान ने भी एयरस्ट्राइक की कोशिश की, लेकिन भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के विमानों को खदेड़ दिया और एक विमान को मार गिराया. इस दौरान हमारा मिग-21 भी दुर्घटनाग्रस्त हो गया और विंग कमांडर अभिनंदन पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में सुरक्षित उतर गए. इसके बाद पाकिस्तान आर्मी ने उन्हें बंदी बना लिया.
फ्लाइट लेफ्टिनेंट नचिकेता की कहानी
कारगिल युद्ध के दौरान भारत में पीएम थे अटल बिहारी वाजपेयी और पाकिस्तान में नवाज शरीफ सत्ता पर काबिज थे. 27 मई 1999 करगिल युद्ध के दौरान फ्लाइट लेफ्टिनेंट नचिकेता जिस मिग 27 लड़ाकू विमान से पाकिस्तान की सेना के घुसपैठियों पर बमबारी कर रहे थे. उनके हमलों से बटालिक सेक्टर में दर्जनों पाकिस्तानी फौजी मारे जा चुके थे. दुर्भाग्यवश मिग का इंजन फेल हो गया और पाकिस्तान सीमा के 12 किलोमीटर अंदर पाकिस्तान अधिकृत क्षेत्र (POK) के पास स्कार्दू में मिग क्रैश हो गया. नचिकेता ने खुद को सुरक्षित बाहर निकाल लिया , लेकिन पाकिस्तानी सेना ने उन्हें अपने कब्जे में ले लिया.
पाकिस्तानी सेना ने कराई सार्वजनिक परेड
पाकिस्तानी सेना ने उनपर जुल्म ढाए लेकिन नचिकेता ने कोई भी जानकारी देने से इनकार कर दिया गया था. बौखलाई पाकिस्तानी सेना ने उनका ऐसा उत्पीड़न किया कि उनकी रीढ़ की हड्डी में फ्रैक्चर हो गया था. नचिकेता ने लैंड करने के बाद भी पाकिस्तानी सेना के जवानों से बहादुरी के साथ लड़े, लेकिन हथियार खत्म हो जाने की वजह से पाकिस्तानी सेना ने उन्हें बंदी बना लिया. इसके बाद पाकिस्तानी सेना ने उनकी सार्वजनिक परेड भी कराई जो टेलिविजन में ऑन एयर भी हुई थी. बाद में उन्हें रावलपिंडी की जेल में कैद कर लिया गया था.
वायुसेना पदक से सम्मानित हुए नचिकेता
भारत ने नचिकेता की रिहाई के लिए पाकिस्तान पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ाया और जिनेवा कन्वेंशन की याद दिलाई. बाद में पाकिस्तान ने उन्हें विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता तारीक अल्ताफ के हाथों रेड क्रॉस के हवाले कर दिया. नचिकेता 5 जून, 1999 को अपने वतन वापस लौट आए और बाद में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी से मुलाकात की. बाद में उन्हें वायुसेना पदक से सम्मानित किया गया था.
Source : DRIGRAJ MADHESHIA