जम्मू कश्मीर में अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठन अल-कायदा पांव फैलाने की तैयारी में जुटा हुआ है। इस बात का खुलासा दुजाना के बातचीत के एक ऑडियो क्लिप से हुआ है। हाल ही में घाटी में मारे गए आतंकवादी अबू दुजाना और आरिफ कुछ दिन पहले ही अल-कायदा में शामिल हुए थे।
एक अंग्रेजी अखबार की माने तो आरिफ और दुजाना ने अल-कायदा की कश्मीर सेल अंसार गजवत-उल-हिंद में कुछ दिन पहले ही शामिल हुए थे। अल-कायदा का गठन 1988 में ओसामा बिन लादेन ने किया था।
पहले यह दोनो आतंकी लश्कर-ए-तैयबा के कमांडर थे। घाटी में अल-कायदा के इस संगठन का मुखिया जाकिर मूसा है।
शुक्रवार को जाकिर मूसा ने अबू दुजाना और आरिफ की तारीफ करते हुए एक वीडियो मैसेज जारी किया था। वीडियो में दोनों को अल-कायदा का पहला 'शहीद' बताया गया है।
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अंग्रेजी अखबार की माने तो मरने से पहले आरिफ फोन पर अपने परिवार के साथ बातचीत में कहते सुना गया था कि मौत के बाद उसकी लाश को तौहीद झंडे (अल-कायदा द्वारा इस्तेमाल किया जाने वाला झंडा) में ही लपेटा जाए। उसकी लाश को पाकिस्तानी झंडे में न लपेटा जाए।
आरिफ ने कहा, 'कृपया मरने के बाद अंतिम संस्कार के दौरान मुझे केवल इसके जरिए मेरे बलिदान का सम्मान करना। मेरे लिए दुआ करना। मैं तुम्हारी कामयाबी की भी दुआ करता हूं, तुम जरूर कामयाब होगे।'
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इस ऑडियो क्लिप में आरिफ अपने परिवार और दोस्तों से यह भी कह रहा है कि उसे दुजाना से दूर नहीं किया जाए और दुजाना का अंतिम संस्कार पीओके (पाकिस्तान के कब्जे वाली कश्मीर) के गिलगित-बाल्तिस्तान में नहीं बल्कि कश्मीर में ही किया जाए। दुजाना पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर का रहना वाला था।
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HIGHLIGHTS
- जम्मू कश्मीर में अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठन अल-कायदा पांव फैलाने की तैयारी में जुटा हुआ है
- इस बात का खुलासा दुजाना के बातचीत के एक ऑडियो क्लिप से हुआ है
- हाल ही में घाटी में मारे गए आतंकवादी अबू दुजाना और आरिफ कुछ दिन पहले ही अल-कायदा में शामिल हुए थे
Source : News Nation Bureau