बाबा रामदेव के बयान के बाद देशभर में डॉक्टर्स उनका विरोध कर रहे हैं. वह भी उस दौर में जब पूरा देश कोरोना महामारी के संकट से जूझ रहा है. लड़ाई अब एलोपैथ बनाम अयुर्वेद होती दिखाई दे रही है. वहीं, इस बीच News Nation के शो देश की बहस में बाबा रामदेव के सहयोगी और पतंजलि योगपीठ के एमडी आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि स्वामी रामदेव अपने बयान में खेद जता चुके हैं. अगर कोई ज्ञान के नाम पर भ्रम फैलाता है तो हम उसका विरोध करेंगे. कुछ लोग भ्रम फैलाने में लगे हैं. आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि जनता तक सही जानकारी पहुंचाना हमारी फर्ज है.हम किसी चिकित्सा पद्धति के विरोध में नहीं हैं.हम बेवजह किसी प्रकार का आरोप नहीं लगाता हूं. तो खुलेमन से सभी को गले लगाने के लिए तैयार हैं. आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि आईएमए के चिकित्साबंधुओं को ड्रग माफिया के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए. हम बताते हैं कि हमने कितने लोगों की सेवा की है और कितना लाभ मिला है.
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पतंजलि योगपीठ के एमडी आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि IMA सिर्फ एक NGO है. विरोध के बाद भी हम कार्य करते रहेंगे. जिन बच्चों ने अपने माता-पिता को खोया है, उनके साथ हमारी संवेदना है. उन्होंने कहा कि हम वैक्सीनेशन का विरोध नहीं कर रहे हैं. कोरोना से जान गंवाने के लिए संवेदना है. पंतजलि के वैज्ञानिकों ने शोध करके कोरोनिल तैयार की है. योगगुरु स्वामी के बयान को गलत तरीके से लिया गया है.
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आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि नॉलेज और ज्ञान किसी की बपौती नहीं है, खिसयानी बिल्ली खंभा नोचे वाला हाल है. हमारे पास 500 से ज्यादा वैज्ञानिक हैं, वे रोज शोध करते हैं. आज इंटरनेशन योग दिवस क्यों मन रहा है. आप साथ आकर देखिये कि हम क्या कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि हम विवाद खड़ा नहीं करते हैं, लोग स्वामी जी से जोड़कर विवाद खड़ा करते हैं.
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उन्होंने कहा कि मैं सभी डॉक्टरों से यह बात करना चाहता हूं कि स्वामी जी ने खेद व्यक्त कर दिया है तो विवाद खत्म हो गया है. हम सभी डॉक्टरों से अनुरोध करता हूं कि आइये मिलकर काम करें. तथ्यों के साथ बहस के लिए हम तैयार हैं. स्वामी जी तथ्यों पर बात करते हैं.
HIGHLIGHTS
- 'कोरोना से जान गंवाने के लिए संवेदना है'
- 'नॉलेज और ज्ञान किसी की बपौती नहीं है'
- 'विरोध के बाद भी हम कार्य करते रहेंगे'