कांग्रेस अध्यक्ष पद अब मजाक बनता जा रहा है. राहुल गांधी द्वारा इस्तीफा वापस लेने से दो टूक इंकार के बाद कांग्रेस कार्यसमिति पर बैठक बुलाने और संभावित नए नामों के चयन का दबाव बढ़ गया है. इस बीच लोकसभा चुनाव में लखनऊ से प्रत्याशी और कांग्रेसी नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम की सलाह ने कांग्रेस में बर्र के छत्ते को छेड़ दिया है. उन्होंने बजाय किसी 'कमजोर' नेता को ऊपर से 'थोपने' के 'सक्षम' कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव पर बल दिया है. जाहिर है गांधी परिवार की 'भक्ति' की आदत डाल चुके कई वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं को आचार्य कृष्णम की राय रास नहीं आई है और वे नाराज हो गए हैं.
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आचार्य प्रमोद कृष्ण की ट्वीट पर घमासान
गौरतलब है कि कांग्रेस में राहुल गांधी के अध्यक्ष पद से इस्तीफे के बाद पार्टी में नया अध्यक्ष चुनने की प्रक्रिया चल रही है. यह अलग बात है कि पार्टी नेताओं का एक बड़ा वर्ग ऐसा है जो अभी भी राहुल की वापसी की वकालत कर रहा है. ऐसे में आचार्य प्रमोद कृष्णम की ट्वीट ने विवाद खड़ा कर दिया है. उन्होंने लिखा है, राहुल गांधी के इस्तीफ़े के बाद सीडब्ल्यूसी से मेरा आग्रह है, कि कार्यकर्ताओं की 'भावना' को देखते हुए, किसी 'कमज़ोर' नेता को 'थोपने' की बजाय कांग्रेस कार्य समिति का खुला सत्र बुला कर, एक सशक्त और 'सक्षम' अध्यक्ष का चुनाव किया जाये, जो बीजेपी और आरएसएस से लड़ने की 'हिम्मत' रखता हो.
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कई वरिष्ठ कांग्रेस नेता नाराज
जाहिर है आचार्य प्रमोद की इस ट्वीट ने सीडब्ल्यूसी के नेताओं की समझ पर सवाल उठा दिया है. इसमें उन्होंने कांग्रेस कार्य समिति द्वारा कमज़ोर अध्यक्ष चुने जाने की बात लिखी है. अब आचार्य कृष्णम का यह ट्वीट वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं की आंख में खटक रहा है. कांग्रेस राज्यसभा सांसद पीएल पुनिया की तो तीखी प्रतिक्रिया सामने आई है. उन्होंने कहा वह सिर्फ इतना ही कहना चाहते हैं कि उन्हें सीडब्ल्यूसी के नेताओं की सामूहिक समझ पर भरोसा रखना चाहिए.
HIGHLIGHTS
- आचार्य प्रमोद कृष्णम ने सक्षम कांग्रेस अध्यक्ष के चयन की करी वकालत.
- लखनऊ से कांग्रेस प्रत्याशी रहे आचार्य की इस ट्वीट से कई नेताओं की त्योरियां चढ़ीं.
- पीएल पूनिया ने उनसे सीडब्ल्यूसी की समझ पर भरोसा रखने को कहा.