30 मई को मोदी सरकार 2.0 अपना एक साल पूरा करने जा रही है. मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल के पहले साल में कई उपलब्धियां हासिल की हैं. इन उपलब्धियों में जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा और तीन तलाक को खत्म करने के अलावा नागरिकता कानून से जुड़े कई फैसले हैं.
इन सभी उपलब्धियों के इतर कोरोना काल में तमाम कड़े निर्णय लेने और उन्हें प्रभावी तरीके से लागू करवाने में सफलता हासिल करने के कारण मोदी सरकार की देश भर में प्रशंसा हुई. विश्व के तमाम नेता मोदी सरकार के साथ-साथ पीएम मोदी की बी तारीफ कर चुके हैं.
धारा 370 खत्म करना
जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाला धारा 370 हटाना बीजेपी के एजेंडे में बहुत पहले से था. मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल में 370 हटाने जैसा बड़ा फैसला लिया. इसके साथ ही जम्मू कश्मीर को दो हिस्सों में बांट दिया गया. अब जम्मू-कश्मीर और लद्दाख दो केंद्र शासित प्रदेश हैं. मोदी सरकार के इस फैसले के बाद जम्मू-कश्मीर में भी भारत का संविधान पूरी तरह लागू हो गया.
नागरिकता संशोधन कानून
मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में नागरिकता संशोधन कानून ऐसा दूसरा बड़ा फैसला रहा है जिसकी दुनियाभर में कवरेज हुई. भारत में हो रहे इसके विरोध को पूरी दुनिया में दिखाया गया. सरकार ने लगातार हो रहे विरोधों को दरकिनार कर इस फैसले को पूरे देश में लागू कर दिया. इस कानून के अंतर्गत पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में धार्मिक रूप से प्रताड़ित हुए हिंदू, सिख, बौद्ध, पारसी और ईसाइयों को भारत की नागरिकता मिल सकती है.
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जिसके बाद भारत में कुछ लोगों ने इसका यह कह कर विरोध किया कि इसमें आखिर मुसलमान क्यों नहीं हैं. जिस पर सरकार ने कहा कि क्योंकि यह तीनों देश इस्लामिक राष्ट्र हैं इस लिए यहा मुस्लिमों के साथ धार्मिक रूप से कोई भी प्रताड़ना नहीं हो सकती. यह कानून नागरिकता देने का कानून है लेने का नहीं.
तीन तलाक
मोदी सरकार ने दूसरी बार सत्ता में आने के बाद अपने वादे के मुताबिक मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक से निजात दिलाने के लिए कदम उठाया. मोदी सरकार ने तीन तलाक पर पाबंदी और मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक-2019 को संसद के दोनों सदनों में पास कराया. जिसके बाद एक अगस्त 2019 से तीन तलाक देना कानूनी तौर पर जुर्म बन गया. अब तीन तलाक देने पर पति को तीन साल की कैद और जुर्माना दोनों हो सकता है. इसके अलावा उसे मजिस्ट्रेट से जमानत मिलेगी.
कई बैंकों का विलय
मोदी सरकार ने देश में आर्थिक सुधार की दिशा में दस सरकारी बैंकों का विलय कर चार बड़े बैंक बनाने का अहम कदम उठाया. जिसके तहत ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक का पंजाब नेशनल बैंक में विलय किया गया. सिंडिकेट बैंक का केनरा बैंक और इलाहाबाद बैंक को इंडियन बैंक में विलय किया गया.
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आंध्रा बैंक और कॉरपोरेशन बैंक को यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में विलय का ऐलान किया गया. इस विलय से बैंकों को बढ़ते एनपीए से काफी राहत मिली. सके साथ ही वित्त मंत्री ने बैंकों के लिए 55,250 करोड़ के बेलआउट पैकेज की घोषणा भी की थी.
कोरोना के प्रसार से निपटना
कोरोना वायरस को देश में पैलने से रोकने के लिए मोदी सरकार ने कई फैसले किए. इसके साथ ही अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने और लोगों की मदद के लिए 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज की घोषणा भी की गई. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़े दावा करते हैं कि कठिन परिस्थितियों के बावजूद भी मोदी सरकार देस में कोरोना के कहर को रोकने में काफी हद तक सफल रही.
Source : News Nation Bureau