प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली उच्चस्तरीय चयन समिति द्वारा हटाए गए निदेशक आलोक वर्मा द्वारा किए गए तबादलों पर नए कार्यकारी निदेशक एम नागेश्वर राव ने रोक लगा दी. इस कारण अब 8 जनवरी की पोजिशन बहाल हो गई है. सुप्रीम कोर्ट द्वारा बहाल किए जाने के बाद आलोक वर्मा ने कई अधिकारियों के ट्रांसफर कर दिए थे. उन्होंने उन सभी अफसरों को दिल्ली बुला लिया था, जिन्हें कार्यकारी निदेशक एक नागेश्वर राव ने अन्य राज्यों में ट्रांसफर कर दिया था.
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केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के निदेशक पद से आलोक वर्मा को हटाए जाने के एक दिन बाद शुक्रवार को अतिरिक्त निदेशक एम. नागेश्वर राव ने फिर से सीबीआई निदेशक का कार्यभार संभाल लिया. 1986 बैच के ओडिशा कैडर के भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी राव ने कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग के अनुरूप कार्यभार संभाल लिया. सीबीआई के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना और वर्मा द्वारा एक-दूसरे पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाने के बाद केंद्र सरकार ने 23 अक्टूबर को वर्मा और अस्थाना को छुट्टी पर भेज दिया था और राव को अंतरिम निदेशक का प्रभार सौंपा था. वर्मा को सीबीआई निदेशक के रूप में फिर से नियुक्त करने के 48 घंटे के भीतर ही पद से हटाकर राव को पद्भार सौंप दिया गया.
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इससे पहले गुरुवार को प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली उच्चस्तरीय चयन समिति ने आलोक वर्मा को सीबीआई निदेशक पद से हटाकर गृह विभाग में भेज दिया, जहां उन्हें अग्निशमन, होमगार्ड और नागरिक सुरक्षा का प्रभार दे दिया गया. सुप्रीम कोर्ट ने आलोक वर्मा को उनके पद पर बहाल कर दिया था और उच्चस्तरीय चयन समिति को एक हफ्ते में आलोक वर्मा के मामले में फैसला लेने को कहा था.
Source : Arvind Singh