केंद्र सरकार ने अतिरिक्त महाधिवक्ता तुषार मेहता को 2जी स्पेक्ट्रम घोटाला मामले में नया विशेष सरकारी वकील नियुक्त किया है। वह निचली अदालत द्वारा मामले के आरोपियों को दिसंबर में बरी किए जाने के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील करेंगे।
केंद्र सरकार ने आठ फरवरी को जारी एक अधिसूचना में कहा कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा जांच किए गए 2जी स्पेक्ट्रम से जुड़े मामलों की अपील/पुनरीक्षण या अन्य कार्यवाही के लिए तुषार मेहता को विशेष सरकारी वकील नियुक्त किया गया है।
हालांकि सुप्रीम कोर्ट द्वारा दो सितंबर, 2014 को विशेष सरकारी वकील नियुक्त किए गए वरिष्ठ अधिवक्ता आनंद ग्रोवर के बारे में कुछ भी नहीं कहा गया है।
विशेष सरकारी वकील रहते हुए यू.यू. ललित को शीर्ष अदालत का न्यायाधीश नियुक्त किए जाने पर उनकी जगह आनंद ग्रोवर की नियुक्ति हुई थी।
वह सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय, दोनों का प्रतिनिधित्व कर रहे थे।
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ललित से पहले वरिष्ठ अधिवक्ता के.के. गोयल ने आरंभिक दिनों में मामले में अपनी दलीलें दी थीं, लेकिन बाद में उनकी जगह ए.के. सिंह को नियुक्त किया गया।
सिंह को कथित तौर पर टलीफोन पर एक आरोपी को मुकदमा लड़ने की सलाह देते हुए सुने जाने पर उन्हें इस पद से हटा दिया गया। उसके बाद गोयल की वापसी हुई।
ललित के 13 अगस्त, 2014 को सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में शपथ लेने पर मौजूदा महान्यायवादी के.के. वेणुगोपाल ने ग्रोवर का नाम सुझाया था।
पूर्व दूरसंचार मंत्री ए. राजा, डीएमके सांसद कनिमोझी और 15 अन्य आरोपियों को 2जी घोटाला मामले में 21 दिसंबर को अदालत द्वारा बरी किए जाने पर ग्रोवर को लेकर विवाद उत्पन्न हुआ। विशेष अदालत ने भी ग्रोवर को फटकार लगाई थी।
न्यायालय के फैसले के बाद सीबीआई ने कहा था कि वह फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील करेगी।
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Source : News Nation Bureau