कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कांग्रेस की एक बार फिर किरकिरी करा दी है. उन्होंने ऐसा बयान दिया है कि कांग्रेस को एक बार फिर पीछे हटना पड़ सकता है या उनके बयान से पल्ला झाड़ना पड़ सकता है. लोकसभा में कांग्रेस संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी ने लाल किले से घोषणा की थी कि हम कश्मीरियों को गोलियों से नहीं बल्कि उन्हें गले लगाकर आगे बढ़ाएंगे, लेकिन आज कश्मीर को कॉन्सेंट्रेशन कैंप बना दिया गया है. न कोई मोबाइल या इंटरनेट कनेक्शन नहीं, कोई अमरनाथ यात्रा नहीं, वहां क्या हो रहा है?
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इससे पहले लोकसभा में 6 अगस्त को अनुच्छेद 370 को हटाए जाने का विरोध करते हुए अधीर रंजन चौधरी इस कदर आगे बढ़ गए कि पार्टी को असहज होना पड़ा. खुद सोनिया गांधी तक उनकी बातों से बेचैन हो गईं. अधीर रंजन चौधरी ने दरअसल लोकसभा में कहा था- जिस कश्मीर को लेकर शिमला समझौते और लाहौर डिक्लेरेशन हुआ है और जिस कश्मीर को लेकर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो को कहा है कि कश्मीर द्विपक्षीय मामला है तो ऐसे में यह एकपक्षीय कैसे हो गया. आपने अभी कहा कि कश्मीर अंदरूनी मामला है, लेकिन यहां अभी भी संयुक्त राष्ट्र 1948 से मॉनिटरिंग करता आ रहा है.यह हमारा आंतरिक मामला कैसे हो गया?
अधीर रंजन चौधरी ने यह भी कहा कि सरकार 1994 में पास हुए प्रस्ताव कि पूरा जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग इस पर अपना रुख साफ करे. उन्होंने कहा सरकार ने सभी नियमों का उल्लंघन करके दो केंद्र शासित प्रदेश बना दिए हैं.
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अधीर रंजन चौधरी के इस बयान पर गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस को बुरी तरह लताड़ा था. गृह मंत्री ने कहा था- क्या आप कहते हैं नियमों का उल्लंघन हुआ है. क्या आप नहीं मानते हैं कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग नहीं है. आप क्या बोल रहे हैं? जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है. मैं जब भी जम्मू-कश्मीर कहता हूं कि तो पीओके भी इसमें होता है. मुझे गुस्सा आ रहा है कि आप नहीं सोचते हैं कि जम्मू-कश्मीर के अंर्तगत पीओके (पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर) भी आता है. हम इसके लिए जान भी दे सकते हैं. मैं आपको बता दूं कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है. इसमें कोई शक नहीं है और इस पर कानूनी विवाद भी नहीं है.' अमित शाह के इस बयान के बाद सत्ता पक्ष के सदस्यों ने 'भारत माता की जय' और वंदे मातरम के नारे लगाने शुरू कर दिए.
Source : News Nation Bureau